Friday, March 19, 2010

एहसास

 1.


बाद-ए-सबा ने भेजे हैं सलाम तुझे
रिमझिम फुहारों ने भेजे हैं सलाम तुझे
इक बार नज़र उठा के मेरा भी सलाम ले

ये माना सितारों ने भेजे हैं सलाम तुझे.

2.

आज खुल जाने दो जुल्फों को
आज टूट जाने दो गजरे को

फिर नज़र अफ़साना-ए-दिल न कह पाएगी

आज बिगड़ जाने दो कजरे को

3.

ज़ुल्फ़ के साये देखे हैं हमने

बाहों के दायरे देखे हैं हमने

ओ नाजनीन ! सुनो जरा

तुमसे पहले भी हसीं देखे हैं हमने.
 4.

आज इन गेसूओं में खो जाने दो मुझे.

आज इन आँखों में डूब जाने दो मुझे

फिर तुम न जाने किस जनम में मिले

आज इस चेहरे पर मिट जाने दो मुझे.

5.

तेरे नाम से होती है सुबह अपनी

तेरे नाम से होती है सहर अपनी

अब तो तेरी याद बन गयी है

ज़िंदगी भर की धरोहर अपनी.

6.

मेरी मौत की खबर सुन

यार ने कुछ यूँ मुँह छुपाया

कोई जान न पाया

वो रोया है या मुस्कराया.

7.

मेरी उम्र भर की वफ़ाओं का

दिया है उन्होने ये इनाम

मेरा ज़िक्र सुन के कहते हैं

"कहीं सुना है ये नाम".

8.

बहार पर कर्ज़ है तेरी नज़रों का

रात चुरा रही है रंग तेरे कजरे का
संभाल अपनी जुल्फें
गुलशन उड़ा रहा है नूर तेरे गजरे का.

9.

हर सुबह कोहरा क्यूँ है
हर रात अमावस क्यूँ है

तुम रोशनी का वादा ले उतरे थे ज़िंदगी में
फिर भी यह दिल उदास क्यूँ है.

10.

यूँ तो दिल और भी टूटे थे इस दुनियाँ में

फर्क बस इतना था
उनके शीशा-ए-दिल पत्थर ने तोड़े थे

मेरा पत्थर दिल, शीशे ने तोड़ डाला


(काव्य संग्रह 'एहसास' 2003 से )

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