Monday, May 22, 2023

व्यंग्य: जंतर-मंतर का 20 सूत्री कार्यक्रम

            सवाई जयसिंह जी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि उनका बनाया जंतर-मंतर इतना लोकप्रिय हो जाएगा और खबरों में रहा करेगा। दरअसल सत्ता (किसी की भी हो) ऐसे धरनों-प्रदर्शनों से निपटने लिए हमेशा अपने पास एक टेम्पलेट रखती है बस समय-समय पर एक या एक से अधिक बाॅक्स को टिक भर करना होता है यथा:

1. यह पाॅलिटिक्स है

2. यह विरोधियों की साजिश है

3. यह फलां को या ढिकाने को बदनाम करने की चाल है


4. जितना हम रखते हैं उतना ख्याल पिछले सौ बरस में किसी सरकार ने नहीं रखा,

इतिहास उठा कर देख लीजिये (इसी बीच संबधित चैप्टर को इतिहास की सिलेबस से ही

 हटा दीजिये)


5. पिछली सरकार में कहीं ज्यादा अथवा कहीं ज्यादा दिन तक शोषण किया गया था

6. इन्हें सीमा-पार से मदद मिल रही है

7. ये अर्बन नक्सल हैं (यदि शहरी हैं)

8. ये नक्सली हैं (यदि ग्रामीण हैं)

9. ये टुकड़े-टुकड़े गैंग है

10. ये पहले क्यों नहीं बोले अब क्यों बोल रहे हैं

11. हमें पता है इनकी फंडिंग कौन कर रहा है

12. वहां धारा 144 लगी है

13. इस आन्दोलन की परमिशन नहीं ली गई

14. ये पहलवान/किसान/टीचर/विद्यार्थी (जिसका भी हो) हैं हीं नहीं

15. ये देश को कमजोर कर रहे हैं

16. ये देश की छवि खराब कर रहे हैं

17. जाँच चल रही है कमेटी की रिपोर्ट आने तक इन्हें धैर्य रखना चाहिये/मामला सब-

जूडिस है इन्हें न्यायपालिका मे विश्वास रखना चाहिए

18. मेरे बयानों/ झप्पियों-पप्पियों को तोड़-मरोड़ कर बताया गया है

19. ये देशद्रोही हैं

20. इन्हें देश छोड़ देना चाहिये

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