Wednesday, June 11, 2025

व्यंग्य : कैसी हो डार्लिंग -- कोर्ट के आदेश


 

                               




 


 

       हमारे कोर्ट भी हमारे मनोरंजन में कोई कमी नहीं रखते। अतः ना केवल कार्यपालिका और विधानपालिका बल्कि न्यायपालिका भी हमें हँसाने का कोई अवसर नहीं छोड़ती। उन्हें भी पता है इस इंसान के साथ ना जाने क्या क्या चल रहा है। ये कितने भँवर जाम में है। खबर है कि एक दंपति जब अपने घरेलू झगड़े को लेकर अदालत पहुंचे तो पत्नी का कहना था कि यह अपने में ही मस्त रहता है। अपने में ही खोया रहता है। इसे मेरे कोई परवाह ही नहीं है। मुझसे बोलता नहीं है और जब बोलता है तो सिवाय दारु पी कर झगड़ने के और कुछ नहीं। वे एक दूसरे से इतने आजिज़ आ चुके थे कि तलाक चाहते थे। फुल फुल घरेलू हिंसा का मामला था।

 

     अब जितनी चट-पट शादी होती है उसी स्पीड से तलाक सुलभ हो गया है। नहीं तो दोनों पार्टनर किसी भी सीमा तक जाने को तत्पर दिखाई देते हैं। जब तक निभ रही है वैल एंड गुड नहीं तो कहीं नीला ड्रम-सीमेंट है तो कहीं शिलांग की खाई। जज महोदय ने युक्ति से और समझदारी से काम लेते हुए सिर्फ यह आदेश दिया है कि पति रोजाना ऑफिस से आने के बाद पत्नी से ये तीन शब्द बिला नागा बोलेगा, ज़ोर से बोलेगा, “कैसी हो डार्लिंग ?” अपना ऑफिस का बैग, टिफिन बॉक्स आदि बाद में रखेगा। जूते बाद में उतारेगा। पहले यह मंत्र बोलेगा। कपड़े बाद में चेंज करेगा। पहले यह बोलेगा। सभी को उम्मीद है कि कुछ पता नहीं यह बोलते बोलते ही इनकी शादी सफल हो जाये। वो किसी डाकू की कहानी है न कि वो कैसे लगातार मरा मरा बोलते बोलते राम राम का जाप करने लगा और मुक्ति पा गया। अतः पति जब रोज़ रोज़ शाम को कैसी हो डार्लिंग ? कैसी हो डार्लिंग ? मंत्र का जाप करेगा तो एक न एक दिन सब ठीक हो जाएगा।

 

          अब कैसी हो डार्लिंग बोलने के भी अंदाज़ हुआ करते हैं। ये नहीं कि आप लाल लाल आँखें दिखाते हुए, क्रोध में नथुने फुला कर लगभग चीखते हुए कहें जैसे कि कोई गाली दे रहे हों। ना ही बस मुंह में बुदबुदाना भर है ! भैया कोर्ट के आदेश हैं । एकदम लाउड एंड क्लियर बोलना है जीभ में समुचित मिठास के साथ बोलना है। सबको सुनाई दे ऐसे बोलना है। आखिर बीवी का भी तो एक सर्कल है, वो अपनी सहेलियों के साथ बैठी है या फर्ज़ करो किट्टी पार्टी में है, तो भी बोलना है। सबको सुनाते हुए बोलना है। कहीं ऐसा ना हो कल को यही लेडिस गवाही दे दें कि ये 'कैसी हो डार्लिंग' बोलता हीच नहीं है।

 

       कहीं अगली पेशी पर 'मी लॉर्ड'  कुछ और लॉन्ग सेंटेन्स ( लंबा वाक्य ) ना दे दें। अतः कैसी हो डार्लिंग ? कैसी हो डार्लिंग ? का जाप करते रहें। ये आपका एक तरह का बीज मंत्र है।

 

            आपका पर्सनल 'जय माता दी' मंत्र।                      

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