Ravi ki duniya

Ravi ki duniya

Tuesday, April 22, 2025

व्यंग्य: ट्रेन में ए.टी.एम.

 


     आपने अब तक ट्रेन में पैंट्री सुनी थी, लाइब्रेरी सुनी थी, डाक-सेवा सुनी थी यहाँ तक कि चोरी-डकैती सुनी थी। अब लेटैस्ट है ए.टी.एम.। यह सरकारी सेवा है आई मीन सरकार की तरफ से आपके, चोर के, डकैत के, बोले तो सबके आराम और सुविधा के लिए। देख लीजिये सरकार आपके लिए क्या-क्या नहीं कर रही। एक आप हैं आपके मुंह से रेलवे और रेल मंत्री की प्रशंसा में दो शब्द नहीं फूटते हैं। यहाँ तक कि उनको रेल मंत्री की जगह रील मंत्री कहने लग पड़े हैं। हद तो ये है कि ए.टी.एम. के ऐतहासिक कदम को भी रील मंत्री की रील से ही जोड़ के देख रहे हैं। 

   

    ए.टी.एम. की स्थापना के लिए जिस ट्रेन को चुना गया है उसका नाम है पंचवटी एक्सप्रेस। पंचवटी वही जहां राम रहते थे। अब राम ही इस ए.टी.एम. के भी रखवाले हैं। अब ए.टी.एम. के चोर ए.टी.एम. के आसपास ही मंडराया करेंगे। वो देखेंगे कि कौन यात्री ‘विदड्रा’ कर रहा है किसने कितना कैश निकाला है। कुछ तो क्लोन कराये हुए कार्ड और पलक झपकते ही कार्ड बदलने वाले, आपके कैश को निकालने में आपकी मदद करने वाले सब वहीं उपलब्ध रहा करेंगे। वो भी अपना सीज़न पास यानि एम.एस.टी. बनवा लेंगे। 


       यह इस बात का भी इशारा है कि अब इतनी महंगाई हो सकती है कि आपको रेल में कोई चीज़ खरीदने-खाने के लिए हो सकता है आपके पर्स का कैश कम पड़ जाये और आपको कैश निकालने की ज़रूरत आन पड़े। मसलन खाना-पीना,पानी की बोतल, आदि। मेरा सुझाव है कि चलती रेल में निम्नलिखित भी इन्सटाॅल किए जाएँ:


1. बार जिसमें सभी तरह की व्हिस्की, बीयर, जिन-ब्रांडी मिले। 

2. एक चलता फिरता गैम्बलिंग डैन हो बोले तो कैसिनो

3. एक डांस-बार अलग से हो 

4. एक डिस्को तो होना ही चाहिए 

5. एक मसाज सेंटर भी चाहिए ही चाहिए 

6. एक मोबाइल पुलिस स्टेशन भी इन सबके चलते होना चाहिए

7. एक डिस्पेन्सरी/कैमिस्ट और एक छोटा सा अस्पताल-यूनिट होनी चाहिए न केवल इमरजेंसी बल्कि कोई और प्राॅसीजर कराना चाहे तो उसे वो सुविधा मिलनी चाहिए जैसे कि कान, आँख का ऑपरेशन, प्लास्टिक सर्जरी, डेन्टिस्ट, बालों की ग्राफ्टिंग की सेवाएँ मिलें। साइकाॅलाॅजी वाले पकड़-पकड़ के काॅन्सलिंग करें। 

8. एक मिनी-माॅल होना चाहिए जहां ड्रेस से लेकर अन्य फालतू का सामान जिसे लेने लेडिस लोग हर हफ्ते अपने पति की कमाई को दियासलाई दिखाती हैं वो भी होना ही है। 

9. एक मल्टी-परपज़ बुकिंग सेंटर होना है जिससे यात्री अपने गंतव्य स्टेशन पर सुविधाएं बुक कर सकें मसलन होटल, खाना, कैब, वापसी की टिकट, या फिर एयरलाइंस की टिकट, सिनेमा-नाटक, क्रिकेट मैच की टिकट की एडवांस बुकिंग। 

10. अब जब ए.टी.एम. आ गया है तो बैंक क्या दूर है ? अतः एक अदद बैंक की ब्रांच बोले तो एक्सटेंशन ब्रांच होनी चाहिए। वहीं सब सम्पन्न हो जाये ड्राफ्ट, चैक और हाँ लोन की सुविधा मिले। 

11. इस सब में हमें अपने प्रॉपर्टी डीलर भाइयों को नहीं भूलना चाहिए। वे भी अपना काउंटर ट्रेन में खोलें और बताएं कि कैसे उन्होने यात्रियों के लिए ही सन फेसिंग, पार्क फेसिंग और सामने 40 फीट रोड वाली कॉलोनी बसाई है। जिसकी बुकिंग केवल आज करने भर से 10% छूट मिलेगी। इस तरह चारों ओर विकास ही विकास की सुनामी बह चलेगी। 

12. इस सब में हमें बीमे वालों को नही भूलना है। आजकल जिस तरह रेल एक दूसरे से भिड़ जाती हैं, पलट जाती है, चलते-चलते ट्रैक छोड़ देती हैं, बीमा बिजनिस खूब चलेगा।  अतः बीमा एजेंट सीट पर जा-जा कर यात्रियों को न केवल आकर्षक रंग बिरंगे ब्राॅशर देंगे बल्कि समझाएँगे कि कैसे एक हाथ कटने, एक आँख चले जाने  या एक टांग कटने पर कितना पैसा मिलेगा। 

13. अब आते हैं हमारे ज्योतिष भाई लोग। वो भी अपने-अपने पोथी-पत्रे, पांचांग और कुंडली लेकर बैठेंगे। आप उनसे पूछ सकते है आप जिस काम को जा रहे हैं वो होगा या नहीं और आपके राहू केतू क्या कह रहे हैं। हस्त रेखा वाले लेंस ले कर सीट पर जा-जा कर आपका शनि और मंगल बताएँगे। 


भाईयो! यह है रूपरेखा आने वाली रेलों की। आप कहेंगे ये तो 13 सुविधाएं हुईं। 13 का अंक अशुभ होता है अब आपसे क्या छुपाना रेल का आजकल कुछ ऐसा ही चल रहा है। थोड़े लिखे को ज्यादा समझना।

No comments:

Post a Comment