Ravi ki duniya

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Wednesday, June 11, 2025

व्यंग्य: जादू की झप्पी 600/- में

        

                                                     


 

            जब से खबर पढ़ी है मुझ तो यकीन ही नहीं हो रहा। गोया कि अब चीन में भी ये चलन चल निकला है। शुगर डैडी तो सुने थे। अब महिलाएं पाँच मिनट की जादू की झप्पी के पुरुषों को 250/- से लेकर 600/- का शुल्क दे रही हैं। इन पुरुषों को 'मैन-मम्स' कहा जाता है। यानि कि वो दिन हवा हुए जब केवल वूमन ही मम्स होतीं थीं या कहलाती थीं। अब यह उपाधि पुरुषों को भी मिल गई है। चीन शुरू से ही बहुत आगे रहा है। जैसे कि बारूद का आविष्कार सबसे पहले चीन में हुआ। कहा जाता है कि कागज की मुद्रा का चलन भी चीन मेँ सबसे पहले आया और तो और कागज का आविष्कार भी चीन ने ही पहली दफा किया अतः शुरुआती मुद्रण का चलन और कम्पास भी वहीं की देन है।

 

 

            यह तो गजब ही हो गया। आप 'मैन-मम्स' को ऐप से ही बुक कर सकते हैं। कितना सुलभ हो गया है सब कुछ अब। लेकिन इस सब को जानकर आप कोई अपने बारे में मुगालता न पाल लेना। मुझे याद है जब वियतनाम - अमेरिका का युद्ध चल रहा था तो खबरें उड़ती रहतीं थीं कि वियतनाम में युद्ध के चलते पुरुषों की भयंकर कमी हो गई है। अतः भारत से पुरुष निर्यात किए जाएँगे। भारतीय पुरुष यकायक सचेत हो गए। अपने- अपने बायो-डाटा अपडेट करने लग पड़े। तब बायो-डाटा ही कहते थे। तब तक सी.वी. अथवा रिज्यूमे शब्द चलन में नहीं आया था। 

 

 

        अब उसी वियतनाम स्टाइल में आप कुछ ग़लतफहमी में ना रहें। आपको बता दूँ कि ये जो 'मैन-मम्स' की पोस्ट के लिए कोई भी मर्द नहीं चलेगा बल्कि उसकी कुछ योग्यताएँ हैं, पैरामीटर्स हैं। जैसे कि वह बलिष्ठ हो। मज़बूत हो। दूसरे, वह सौम्य होना चाहिए अर्थात क़ायदे से पूरे मैनरिज़्म के साथ बातचीत कर सके।  सौम्य शब्द के बहुत अर्थ होते हाँ सबको ठीक से पढ़-समझ लीजिये। तीसरी योग्यता जो अनिवार्य है वह है उन्हें धैर्यवान होना ज़रूरी है। अब धैर्यवान के भी अनेक अर्थ होते हैं।

 

         मोटा-मोटा अब यूं समझ लीजिये कि आप शारीरिक रूप से बलिष्ठ हों, मज़बूत हों, सौम्य हों और धैर्यवान हों तब इस पद के लिए पात्र हैं। तुरंत चीन के वीज़ा के लिए एप्लाई कर दीजिये। यहाँ भी अग्निवीर बनना है, चीन में अग्निवीर बनिये।  बोले तो अपनी सौम्यता अपने धैर्य और बलिष्ठ शरीर के बल पर जीत लीजिये चीन की तरुणियों के दिल, जिग़र, दिमाग। ये हमारा झप्पी जिहाद है।

 

         बचना ऐ हसीनो ! लो मैं आ गया !

 

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