Ravi ki duniya

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Tuesday, October 14, 2014

व्यंग्य स्वदेशी मिठाई की विडम्बना




दीवाली के म से मौके पर माननीय प्रधान मंत्री जी का कहना है कि हम सब म से मानुष विदेशी चीजों के इस्तेमाल से बचें और केवल देसी-स्वदेशी चीजें ही बापरने का संकल्प लें.


मैंने भी सोचा ! बहुत हो गया ये चॉकलेट ऊकलेट.  मिठाई का मज़ा ही कुछ और है. मगर ये क्या ? म से मिठाई का मावा नकली, मिल्क नकली, यहाँ तक कि गुड़ और चीनी भी मिलावटी. अब आप ही बताओ मैं दीवाली कैसे मनाऊं. अभी तक तो ये था कि 5-10 रुपये की चॉकलेट खाओ और अमिताभ बच्चन सी फीलिंग आ जाती थी. अब 5-10 रुपये में मिठाई तो आने से रही. स्वदेशी मँहगा है सर जी !. ओ.एल.एक्स पर भी नहीं बिकता. 


अब नकली मावे की मिठाई खा के आपका मतदाता स्वच्छ भारत से साफ ही न हो जाये. मैं चाहता हूं कि आप नकली मिठाई वालों की खाट खड़ी करें. हो सके तो उन्हें बॉर्डर पर भिजवा दें. फिर देखिये यहाँ लोग चॉकलेट और कुकीज की जगह बर्फी, लड्डू, पेड़ा बालूशाही, गुलाबजामुन, रबड़ी खायेंगे. वैसे एक बात है, अगले मिठाई में भी कैमीकल तो विदेशी ही मिलाते हैं इसीलिये तो आसानी से पकड़ में नहीं आते. बम-पटाखे तो हम चीन वालों के ही चला रहे हैं कितनी दीवाली से. बल्बों की रंग बिरंगी लड़ियां उन्ही की लाई लगा रहे हैं. मुझे डर है कि जिस दिन चीन वाले मिठाई के मैदान में उतरेंगे उस दिन हमारे अग्रवाल स्वीट हाउस, घंटेवाला, बंगाली स्वीट्स , नाथू स्वीट्स का क्या होगा ?


मिठाइयों के नाम जो मुझे सूझे :-



1. रसोगुल्ला = रीस गुल चीन


2. लड्डू =     लान पीन गुल


3. बर्फी =      बैन की फून


4. सोन पापड़ी = सून पो पीन


5. पेड़ा =      पीन चू डू


6. गुलाब जामुन = गूल बीन मून


7. हलवाई = हील वाई सून


8. हैपी दीवाली = हुआंग हू दी वू

1 comment:

  1. Ravi ji swdesi ki baat Karne bale BADBOLE modi qya desh me nirmit BELGADI me chalte hai. pushpak me udte hai desi khadi pahnte kuch bhi desi nahi. Sab kuchh N R I .ka videsho ka. Ahemdabad se Mumbai chalne Bali bhabi BULLET TRAIN poorri videshi. Modi ka zoot swdesi or such videshi

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