महिलाओं के बालों को लेकर शायरों ने
दीवान के दीवान लिखे हैं। बड़े बालों, ज़ुल्फ के अपने जलवे रहे हैं। ज़ुल्फ का लहराना, ज़ुल्फ में चेहरा छुपा लेना, ज़ुल्फ में खुशबू का तेल महिलाओं के
शृंगार का अभिन्न अंग रहा है। पूरी की पूरी इंडस्ट्री ज़ुल्फ के दम पर चल रही हैं।
क्या गजरा, क्या
परिंदा, क्या
चुटीले, क्या
जूड़े की जाली, क्या
हेयर पिन, क्या
हेयर बेंड क्या हेयर ड्रायर, क्या बालों को सीधा करने वाले चिमटे, क्या शेंपू, क्या हेयर टॉनिक। क्या हेयर डाई, क्या मेंहदी।
कहने का अर्थ ये है कि महिलाओं की चोटी
ने ना जाने कितने उद्योग-धन्धों को चोटी पर पहुंचाया है। उनकी देखा देखी न जाने कब
में पुरुषों के बालों की महत्ता भी पुरुषों के समझ में आने लग पड़ी। ऊपर दिये बहुत
आइटम मे से अनेक आइटम पुरुषों पर भी एप्लाई करते हैं। उन्हें भी हेयर डाई, शेंपू, तेल-फुलेल दरकार होती है। वहाँ तक तो ठीक था
मगर ना जाने कब मे पुरुषों में गंजापन बढ़ने लगा। वो शेर है ना:
मर्ज बढ़ता गया
ज्यों ज्यों दवा की
बाल जितने झड़ते जाते उतने ही प्रसाधन
बाज़ार में आते जाते। विज्ञापन पर विज्ञापन दिये जाने लगे। प्रसाधनों की आवश्यकता 'क्रिएट' करने लगे। कोई कहता हमारा तेल लगाओ, कोई कहता हमारा साबुन लगाओ। हमारी हेयर
डाई लगाओ। हमारी डाई अमोनिया फ्री है आदि आदि।
यहाँ तक तो सब ठीक-ठाक था। फिर विग की
मार्किट के पेरेलल ग्राफ्टिंग मार्किट में आ गई। एक डॉ नुमा आदमी आपको इंगलिश में
समझाने लगता है और आपको एक-एक बाल को रोपने का रेट बताता है। कुछ फर्ज़ी फोटो
‘बिफोर’ और 'आफ्टर' टाइप दीवाल पर लगा लेते हैं। जैसे पहले
सिगरेट के एड आते थे फलां ब्रांड की
सिगरेट पीने से कैसे लड़कियां आपकी परसनल्टी से इंप्रेस हो आपको घेर लेंगी। सोचिए
मात्र एक ब्रांड विशेष की सिगरेट पीने से आपका व्यक्तित्व कितना लुभावना और
चुम्बकीय हो जाता है। बस कुछ उसी तरह आपकी ज़ुल्फ से आप हेंडसम फिल्म स्टार दिखने
लग पड़ते हैं। आप सफल व्यवसायी, सफल बिजनिस, सफल पड़ोसी न जाने क्या क्या बन जाते हैं। बाल नहीं तो आप कुछ भी
नहीं। "ना झटको ज़ुल्फ़ से पानी ..." अब जब ज़ुल्फ ही नहीं रहेगी तो कैसे
गीतों की इंडस्ट्री चलेगी। आप कैसे सफल मर्द बन पाएंगे। परिणामतः लोग ज़ुल्फ पाने
को ग्राफ्टिंग की क्यू में खड़े हो गए। बालों को इतना महत्व शायद ही किसी और युग
में दिया गया हो। कुछ सेलेब्रिटी किस्म के लोग तारीफ करते नहीं थकते। अमुक कंपनी
से मन लुभावनी ग्राफ्टिंग करवाएँ। क्या आप
सफल क्रिकेटर, सफल
कमेंटेटर, सफल
एडिटर, सफल
सेल्समैन, सफल
एक्टर, सफल
दूल्हा मैटिरियल नहीं बनना चाहते ? यदि हाँ, तो देर किस बात की है। हमारे इस लेख की प्रति
लाने पर दस प्रतिशत की छूट पायें। दो दिन के अंदर अंदर आने पर दस परसेंट की
एक्स्ट्रा छूट पाएँ। गो कि आप कैसे तो हमारे इस क्लीनिकनुमा मक़तल पर पधारें। हम
कब से छुरी लिए तैयार बैठे हैं। बुरा हो ऐसी ज़ुल्फ का जिसके लिए अगले को जान से
हाथ धोना पड़े। ऐसे लोगों की संख्या कम नहीं जो ज़ुल्फ की चाहत में अपनी जान को भी
दांव पर लगाने को तैयार हैं। वे ज़ुल्फ के इस भँवर जाल मे फंस के रह गए और जान से
हाथ धो बैठे। अतः
जा विधि राखे
गंजी चाँद ता विधि रहिए
अपनी आंतरिक वर्थ पहचानिए। दिल को देखो
ज़ुल्फ को नहीं। फिर भाग्यवान, विद्वान और पैसे वाले होने का पहला लक्षण ज़ुल्फ का न होना है। क्या
आप भाग्यवान, विद्वान
और पैसेवाला नहीं दिखना चाहते ? यदि हाँ, तो आज ही ये नकली ज़ुल्फ के कारोबारवालों से बचें। सच मानिए ! आप ऐसे
ही बहुत हैन्सम लगते हैं।