Ravi ki duniya

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Tuesday, September 9, 2025

व्यंग्य : खर्राटे और ज़हर

 

                                               


 

 

          एक खबर ने मेरी नींद उड़ा दी है। एक भतीजे ने अपने चाचा को सिर्फ इसलिए ज़हर दे दिया क्यों कि चाचा जी सोते वक़्त खर्राटे लेते हैं। इससे भतीजे की नींद में खलल पड़ता है। वह परेशान होते होते इस हद तक परेशान हो गया कि उसने अपने चाचा को ज़हर दे दिया। चाचा को सूप का स्वाद कुछ अलग और कड़वा सा लगा उसने सूप थोड़ा सा ही पिया। तिस पर चचा की तबीयत बिगड़ गयी। उल्टियाँ होने लगीं। चचा को फौरन अस्पताल ले जाया गया। पता चला सूप में ज़हर था। बस फिर क्या था भतीजे जी पकड़ लिए गए। और भतीजे ने बिना ना नुकुर किए अपना गुनाह क़बूल भी कर लिया।

 

                   खर्राटे मनुष्य के साथी है। सोना उसके लिए अनिवार्य है। अब सोना है तो खर्राटे भी हैं। कोई कोई विरला ही ऐसा होता है जो सोते वक़्त तबीयत से खर्राटे न लेता हो। दुनिया भर की दवाई मार्किट में हैं। पर मर्ज बढ़ता गया ज्यों ज्यों दवा की। कोई कारगर दवा ऐसी नहीं जो खर्राटे से निजात दिला सके। हालांकि दवा बेचने वाले ज़रूर मुनाफा कमा कर जी भर के खर्राटे लेते सोते हैं। इश्क़ की तरह:

 

                      खर्राटे पर ज़ोर नहीं ये वो शोर है ग़ालिब                      

 

एक शादी में बगल के बेड पर सोये भाईसाब ने पूछा आप खर्राटे तो नहीं लेते ? उसने मना कर दिया। सुबह उसने हंस हंस के सब को बता दिया। ये पूछ तो मुझ से रहे थे खर्राटे तो नहीं लेते और खुद बिस्तर पर पड़ते ही खूब ज़ोर ज़ोर से खर्राटे लेने लगे। फील्ड मार्शल मानेकशा जब भी कहीं जाते दो कमरे बुक किए जाते कारण कि उनकी धर्मपत्नी फील्ड मानेकशा के खर्राटे कि वजह से सो नहीं पाती थीं। मज़े की बात ये है कि किसी खर्राटे वाले से कहो तो वह मानने को ही तैयार नहीं होता कि वह खर्राटे लेता है या लेती है। गिनेस बुक में ऐसे ऐसे खर्राटे दर्ज़ हैं जहां किसी के खर्राटे मीलों दूर से सुनाई देते थे। हमारे ऑफिस की एक सहकर्मी ने बताया कि वह घर के दूसरे कमरे में सोती है कारण पतिदेव के खर्राटे।

 

आपने ट्रेन में ऐसे ऐसे खर्राटे वीर देखे होंगे जो रात को ऐसे जोरदार खर्राटे लेते हैं कि बाकी यात्रियों का सोना दूभर कर देते हैं।  खर्राटे भी तरह तरह के होते हैं। सबको इकट्ठा कर के यदि वर्गीकरण किया जाये तो पूरा एक अलग आर्टिकल लगेगा। कुछ लोग खर्राटे लेते वक़्त मुंह खुला रखते हैं और उसमें से लार की पतली धार एक तरफ को सतत लुढ़कती रहती है। यूं बहुत लोग नाक से ही खर्राटे का काम भी लेते हैं। खर्राटे कई बार सिर्फ यह दिखाने के काम भी आते हैं कि आप निद्रामग्न हैं। भले आप मक्कड़ बना रहे हों और सोने का सिर्फ नाटक कर रहे हों। कोई कोई स्टडी कहती है खर्राटे इस बात का प्रमाण है कि आप गहरी नींद में सो रहे हैं और जब आप सो कर उठेंगे तो अपने आपको तरोताजा पाएंगे। मगर उसका क्या जिसकी नींद आपके खर्राटों से अज़ाब हो गयी।

 

अगले को चाहिए था जुलाब दे देता। अगला बाथरूम आने जाने में ही रात गुजार देता। या फिर जैसे ही खर्राटे शुरू करता आप उस पर एक जग भर के पानी फेंक देते।  वह बिज़ी हो जाता, आप सो लेते। सुनने में मिलता है कि आप नाक पर कपड़े सुखाने वाली चिमटी भी लगा सकते हैं। बहरहाल ऐसा कभी देखा सुना नहीं गया था कि किसी ने खर्राटों से तंग आकर खर्राटे वाले को ज़हर ही दे दिया हो।  ये तो कुछ ज्यादा ही हो गया। वो तो चचा की किस्मत अच्छी थी बच गए। उनकी तक़दीर में अभी और खर्राटे लिखे थे।

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