जैसे ही ये खबर पता चली कि रेल नीर की एक
लीटर पानी की बोतल अब पंद्रह रुपये की जगह मात्र चौदह रुपये की बिका करेगी, पूरे समाज में खुशी की लहर फैल गयी है। क्या 'प्यासे'
क्या 'न प्यासे' सब
आत्मविभोर हो गए हैं। सोचो ! आपने कितने पैसे बचा लिए। अब आपको अमीर बनने से कोई
नहीं रोक सकता। आप ही सोच कर देखो! आप और आपके परिवार में कितना पानी पीया जाता
है। हर बोतल पर एक रुपये यानि पूरे सौ पैसे की बचत हुआ करेगी। अब ये आपकी
जिम्मेवारी है कि आप चार रुपये खुले रखा करें कारण कि आपने देना है बीस रुपया या
पचास रुपये का नोट और फिर चेंज की किल्लत। अतः अब ये पूरी आपकी जिम्मेवारी है चार
रुपये खुल्ले जेब में रख कर यात्रा करें। इसमें ये नहीं पता चला कि यदि यही बोतल
ठंडी ली जाएगी तो कितना खर्चा लगेगा। अक्सर वेंडर यही कहता है कि ठंडी बोतल का
मुकतलिफ़ दाम है और सादी बोतल का अलग। सो ये चौदह रुपये हो न हो सादी बोतल का दाम
होगा।
पानी जीवन अमृत है। अब अमृत काल में ये पानी
रूपी अमृत सब ग़रीबों को मुहैया कराया जायेगा। आखिर ग़रीबों का भी हक़ है इस नीर पर।
अब उन्हें कहने की ज़रूरत नहीं:
मैं
नीर भरी दु:ख की बदली
खुश
हो जाइए। पूरे सौ पैसे कम किए गए हैं। एक-एक पैसे का महत्व होता है। आपने कहावत
सुनी है न बूंद बूंद से दरिया बनता है। तो रेल नीर की यही बूंद आपको मालामाल कर
देगी। भूलना नहीं है यह उपलब्धि आपको रेलवे की वजह से मिलने जा रही है। रेल नीर अब
पंद्रह की जगह केवल चौदह रुपये में मिला करेगा। मुझे डर है अब कहीं लोग बस यूं ही
न रेल नीर खरीदने और पीने लग जाएँ। कारण कि जब भी शराब सस्ती होती है तो ठेके पर भीड़ जुट जाती है। पेटी की पेटी लोगबाग
खुशी खुशी ले जाते हैं। उनके चेहरे की खुशी छुपाए नहीं छुपती है। ऐसा ही कुछ रेल नीर
के साथ होने वाला है। मुझे डर है कहीं रेल नीर आउट ऑफ स्टॉक न हो जाये।
नीर वही तीर वही
बस पानी की
रवानी बदल गई
पीर वही कसक वही
बस दर्द की
कहानी बदल गई
इतना ही नहीं, आधी
लीटर रेल नीर पानी की बोतल भी सस्ती हो गई है। उसके लिए आपको अब दस रुपये नहीं
केवल और केवल नौ रुपये देने होंगे। इसे कहते हैं बोनान्जा। सोचो ! आधे लीटर रेल नीर के लिए आपको अब केवल नौ रुपये
देने हैं। बस ये देखना कि नौ रुपये खुले हों आपके पास। अगर आपके पास नहीं तो
बेचारे वेंडर के पास कहाँ से आएंगे ?
फिर न कहना कि वेंडर ने एक रुपया वापिस नहीं किया। कहीं आप
लग जाओ ट्वीट करने या रील बनाने। आपको शुकर मनाना चाहिए कि अन्य ब्राण्डों की तरह
रेल नीर अभी नकली बनना शुरू नहीं हुआ। बाकी सब ब्राण्ड्स को देख लो। सबके नाम से
दसियों बोतल मार्किट में हैं। मैं तो कहूंगा रेल नीर को खरीदना कंपलसरी कर देना
चाहिए। बल्कि जो भी एक बार रेल में यात्रा करेगा उसे एफीडेविट देना होगा कि वह
प्यासा मर जायेगा/जायेगी मगर रेल नीर के अलावा किसी अन्य ब्रांड को हाथ भी न
लगायेगा। यात्री हो, या रेल अफसर, या रेल कर्मचारी सब रेल नीर ही पिएंगे।
रिजर्वेवन फाॅर्म के साथ ही भावी यात्री लिखित में रेल नीर पीने की शपथ लेगा। उसको
रेलवे लोअर बर्थ देगी। फ्रीक्वेंट रेल नीर बापरने वाले को वी.आई.पी. कोटा में
प्राथमिकता मिलेगी। अगर स्टेशन परिसर में कोई दूसरा ब्रांड पीते देखा जाएगा तो उसे
तुरंत आर.पी.एफ. गिरफ्तार कर लेगी आर.पी.यू.पी. एक्ट में (रेल परिसर अनलाॅफुल पानी
एक्ट) अब आर.पी.एफ. के पास पहले ही बहुत लोड है इसलिए एक अलग यूनिट बनाई जाये। नाम आर.पी.एफ. ही (रेल
पानी फोर्स) रखा जाएगा। इससे अतिरिक्त खर्चा नहीं करना पड़ेगा। अब इंतज़ार किस बात
का है। फौरन ट्वीट करिए, फेसबुक पर डालिए, धन्यवाद अदा कीजिये। आपका कितना ख्याल रखा जाता है। पहले कभी किसी ने सोचा
रेल नीर पर पैसे कम करने का। किसी ने नहीं। अब पंद्रह रुपये की बोतल चौदह रुपये
में और दस रुपये वाली बोतल नौ रुपये में मिला करेगी। ग़रीबों के लिए योजना को
ग़रीबों तक पहुंचाना है। पैसे का मुंह नहीं देखना है। इसके लिए स्टेशन-स्टेशन पब्लिसिटी की जाये। अपनी
कॉलोनी में पोस्टर लगवाएँ। जगह जगह रेल नीर की बोतल के कट आउट लगाएँ। सेल्फ़ी पॉइंट
बनाएँ। इस खबर को वायरल कर दीजिये।
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