सच ही तो है ! ये तो कोई बात नहीं हुई कि पत्नी बेचारी ! बाज़ार के बाज़ार छान कर अपने लिए नवीनतम
सौंदर्य साबुन लाये, महकता गुलाबों की खुशबू वाला, फिल्म स्टार जिससे नहाती हैं वह वाला। कितना तो
महंगा आता है और चार दिन नहीं चलता। अब ये पति भी उसी से नहाने लगेगा तो कितने दिन
चलेगा बल्कि यों कहिए कितनी बार चलेगा। साबुन वह भी नहाने का ! आपका अपना प्राइवेट
मैटर होता है। अब उसे वो साबुन फेंकना ही पड़ेगा या फिर पति को ही देना पड़ेगा। हो
सकता है यह साबुन पत्नी ने आयात किया हो या गिफ्ट बतौर उनकी कोई सहेली लाई हो
विदेश से। ऐसे किसी के साबुन से नहीं नहाते है। इसमें बहुत खतरा है। एक आदमी अपने
ऑफिस में शेख़ी मार रहा था उसकी वाइफ और हेमा मालिनी में बहुत समानता है, दोस्तों ने पूछा वो कैसे ? वह बोला दोनों लक्स से नहाती हैं।
अब पुलिस ने पति देव को तबियत से नहलाया होगा। ऐसा नहलाया होगा कि अगला
नहाने के नाम से ही कांप उठेगा। हो सकता है अब वो नहाने को ही तिलांजलि दे दे। या
फिर कोई शपथ-वपथ ले ले कि वह अब जीवन पर्यंत बिना साबुन ही नहाएगा।
दे दी हमें आज़ादी तूने बिनु खड़ग, बिनु ढाल !
ओ पत्नी के
साबुन से नहाने वाले तूने कर दिया कमाल
हमारा पूरा घर एक लाइफ़बाॅय से नहाता था। और तो और, एक तौलिया से पूरा घर बदन साफ करता था।
अब जब हम एफोर्ड करने लगे तो सबके अपने-अपने साबुन हो गए, अपनी अपनी तौलिया हो गईं और तो और अपने
अपने बाथरूम हो गए।
हम चार-पाँच दोस्त जब एक के घर गये तो
उन्होंने हद ही कर दी, सब को वो अपने घर के सदस्यों के इस्तेमाल किये हुए, टूथ ब्रश देने लग गए "चलो ! दाँत साफ कर लो।" मैं कभी टूथ ब्रश को देखता, कभी मेजबान को।
हम अपने छोटे भाई को अपनी कमीज, अपनी पेंट देने में कोई उज्र ना करते थे। ना ही
वे लोग बापरने में। एक चारपाई पर दो लोग का सोना आम था। अब चारपाई छोड़िए अपने
बेडरूम में दूसरे की उपस्थिती ही असहनीय लगती है। मुंबई में तो एक नाती ने अपनी
दादी का मर्डर ही कर दिया कि "ये जब गाँव से आती हैं, इन्हें मेरे कमरे में सुला देते हैं।
उसकी प्राइवेसी का क्या ?" अब आजकल ये प्राइवेसी और 'माई स्पेस' नामक नई बीमारी चली है।
सोचने वाली बात ये है कि पत्नी ने
पुलिस क्यों बुलाई ? हो सकता है पति 'रिपीट ऑफेंडर' हो। पत्नी ने भी सोचा हो एक बार तो इसे सबक सिखा ही दिया जाये। कहाँ
तो हम सुनते थे एक फिल्म स्टार और उसके साथ रहने वाली सिने तारिका एक ही टूथ ब्रश
का इस्तेमाल करते थे। कहाँ ये कि साबुन से नहा भर लेने पर पुलिस पकड़े लिए जाती है।
अब पता नहीं पुलिस साथ ले गई ? हवालात में रखा? कितने दिन की रिमांड ली गई ?
थर्ड
डिग्री की पूछताछ करने पर उसने अपना जुर्म कितनी देर में कबूल कर लिया ? पत्नी का साबुन क्या, अब बिना साबुन भी नहाने से तौबा कर ली।
पुलिस उसे हथकड़ी लगा कर ले गई या बेड़ी भी पहनाई ? भैया तुम लकी हो जो पुलिस को कुछ ले दे कर, कुछ माफी मांग कर कुछ जुर्माने स्वरूप
साबुन की टिक्कियों का इंतज़ाम कर देने मात्र से तुम्हारी जान बच गई। नहीं तो तुम
क्या कर लेते अगर भाभी जी किसी को तुम्हारी सुपारी दे देतीं। एक अदद नीला ड्रम और
सीमेंट ले आतीं या फिर तुम्हें घुमाने शिलांग ले जाती।
एक बात गांठ बांध लो ! साबुन से नहाना स्वास्थ्य, नहीं ! नहीं ! स्वास्थ्य नहीं, जीवन के लिए हानिकारक है। सुना नहीं
साबुन से त्वचा रोग हो जाते हैं। खुश्की हो जाती है। अब ज़िंदगी चाहते हो तो साबुन
से नहाना बंद। आप शेर हैं भला शेर को साबुन की क्या दरकार। शेर जरा सी साबुन की
टिकिया के चक्कर में पुलिस थाने के चक्कर लगाए। अच्छा नहीं लगता।
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