समस्त प्रेमीजन, आशिकजन, दिलफेंक किशोरों, आधुनिक युग के मजनूँ बंधुओं, कलियुग के फरहाद भाईजनों को एतद् द्वारा सूचित
किया जाता है कि मैंने सब परिस्थितियों को साक्ष्य रखते हुए और अपनी बढ़ती उम्र के
चलते एवं माता-पिता की इच्छा अनुरूप, रिश्तेदारों के आए दिन के तानों के उत्तर में
अपने पूर्ण होशो-हवास में यह निर्णय लेना प्रस्तावित किया है कि अब मुझे विवाह
बंधन में बंध जाना चाहिए। अतः इस प्रस्तावित विवाह के अनुक्रम में यह ज़ाहिर नोटिस
आम जनता को दिया जाता है।
मैं मूर्खनंदन वल्द श्री रिवाज दास, साकिन हरगली, हर चौराहा, कोई भी शहर अपने पूर्ण चेतना और
दुरुस्त दिमागी हालत में शादी करने की योजना पर सक्रिय रूप से विचार कर रहा हूँ।
इस सिलसिले में सभी प्रेमीजन, आशिकजन, दिलफेंक नागरिकों से यह आग्रह है कि यदि आपको इस विवाह बंधन से कोई
आपत्ति हो तो इस नोटिस के अखबार में आने के 6 सप्ताह के अंदर अंदर लिखित में अथवा स्वयं
उपस्थित हो कर अपना ऐतराज दर्ज़ कराएं। इसके लिए घर-दफ्तर अवकाश के दिनों में भी
विशेष रूप से खुले रखे जाएँगे। आप अपनी आपत्ति सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक फाइल कर सकते हैं।
यदि आप आपत्ति के साथ कोई दस्तावेज़, फोटो, प्रेम-पत्र, वाट्स अप संदेश अथवा फेसबुक की कोई फोटो
प्रतिलिपि लगाना चाहें तो स्वागत है इससे शीघ्र निपटारा करने में आसानी रहेगी। इस
विज्ञापनदाता का ऐसा कोई भी इरादा नहीं है कि वह किसी के प्रेम में अपनी टांग
अड़ाये अथवा कबाब में हड्डी या 'ऑड मैन आउट' बने। वह शांति से, चिंता रहित जीवन जीना चाहता है। अतः प्रेमी जन, आशिक भाईजन निस्संकोच, निडर होकर अपने-अपने ऑबजेक्शन समय रहते
फाइल करें। सभी आवेदनों पर सह्रदयता से सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। समुचित
फैसले से शीघ्र लिखित में अवगत करा दिया जाएगा।
इस विज्ञापनदाता की ऐसी कोई इच्छा नहीं
कि वह शादी वाले दिन अथवा हनीमून के ऐतहासिक क्षणों में खुद ही इतिहास का अंग बन
जाये। सरल शब्दों में नीले ड्रम, या दूर दराज़ की पहाड़ियों की खाई में मृत पाया जाये। अधोहस्ताक्षरकर्ता को दूध में अथवा
खाने में ज़हर के सेवन से भी परहेज है। अतः ऐसी कोई संभावना बने उससे पहले ही देश, काल को ध्यान में रख कर यह विज्ञापन
दिया गया है।
नोट:
ऐसा नहीं है कि यह अंतिम है, यदि आपका शादी के उपरांत भी ऐसी कोई
परियोजना बने जहां आप दोनों को लगे कि आप दोनों सफल वैवाहिक जीवन बिताना चाहते हैं
तो कृपया मुझे समय रहते सूचित करें। घर आयें। निश्चिंत रहें कोई आपसे कुछ नहीं
कहेगा। सिर सलामत रहे, सेहरे सजते रहेंगे। जान है तो जहान है। यह मेरी तरफ से एक प्रकार की आपको 'एंटीसीपेट्री बेल' है। आप सुखी रहें मेरे जीवन का तो यही
एकमात्र उद्देश्य है।
सादर सप्रेम !
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