रेल ने सब कुछ कर के देख लिया अपराध हैं कि थम ही नहीं पा रहे हैं. चोरी चकारी. जेब कटी, धोखा धड़ी, टिकट चैक करने के बहाने टिकट ले उड़ना फिर आराम से उसका रिफंड ले लेना, सामान पार कर देना, तमंचा-कट्टा दिखा कर जबरन जेवर उतरवा लेना. आपके सामान की अलग से जांच करने के बहाने आपके सामन को पार करना, या फिर आप को कुछ पैसे धेले ले कर ही छोड़ना क्योंकि आपकी ट्रेन छूटने वाली है और अगला है कि उसकी जाँच खत्म ही नहीं हो पा रही. आप को बिना टिकट यात्रा करवा देना, अथवा सेकंड क्लास के टिकट पर फर्स्ट ऐ.सी. में सुलाना, या फिर ज़हरखुरानी गैंग द्वारा आपको बिस्किट और चाय के बहाने एक मीठी नींद सुला देना और आपके सामान को पार कर देना, डंडे से मुम्बई लोकल में आपका पर्स या मोबाइल नीचे गिरा लेना, प्लेट फॉर्म टिकट से आपको लम्बी दूरी की यात्रा करा देना, या फिर टिकट दिल्ली से गाज़ियाबाद का या फिर मुम्बई से सूरत का और उसी पर आपको आपके दूर तक के गंतव्य तक पहुंचा देना .बस आप तो यूँ समझिये कि
‘हरि अनंत हरि कथा अनंता’
अब इस हेल्प लाइन से भी अपराध पर अंकुश न लगा तो क्या करेंगे ? “ अब तो घबरा के ये कहते हैं मर जायेंगे, मर के भी चैन न पाया तो किधर जायेंगे ‘ बस ये सोच कर मैंने एक हैल्प लाइन चलाने की सोची है ..फर्क़ बस इतना है कि ये हैल्पलाइन जिसका नम्बर होगा 420 गुणा 4 = 1680. रेल कर्मी, दलाल, यात्री और अपराधी सबके बराबर बराबर 420 अत: 420 गुणा 4, इस पर जो सेवायें 24 X 7 उपलब्ध रहेंगी अब उनका भी थोड़ा सा ‘करटेन रेजर’ टाइप परिचय हो जाये...यह टोल फ्री सर्विस होगी
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1. जिस तरह स्टेशन की ग्रेडिंग होती है, ए, बी, सी, डी उसी तरह अपराधियों के गैंग की ग्रेडिंग होगी उसके लिये अलग से पी.पी.पी के तहत फॉर्म निकाले जायेंगे. एक बार कराया रजिस्ट्रेशन सामान्यत: 5 साल के लिये मान्य होगा. किंतु मैंनेजमेंट को यह अधिकार होगा कि वह बिना कोई कारण बताये किसी की भी मान्यता रद्द कर दे अथवा ग्रेडिंग में परिवर्तन कर दे.
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2. आप फोन करके पूछ सकते हैं और स्पॉट परचेज कमैटी की तरह आपका किस गाड़ी में किस क्लास में डकैती डालने की योजना है उस प्रकार से फीस जमा करा सकते हैं, इसके लिये सेकंड क्लास स्लीपर के चार्ज अलग होंगे और थर्ड ए,सी, फर्स्ट ए.सी. के चार्ज अलग. आखिर जो बंदा फर्स्ट ए.सी. से जा रहा है उससे अधिक माल मिलने की पूरी पूरी सम्भावना है. इस प्रकार की योजना में रिफंड का कोई प्रावधान नहीं होगा.
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3. हाकर्स और स्माल वेंडर्स की तर्ज़ पर जो हमारे लघु उद्यमी भाई हैं, जो अभी अपराध की एप्रेंटिस ट्रेनिंग पर जैसे कि असंगठित क्षेत्र के जेब कतरे बंधु, सामान के उठाईगीर भाई, आदि को कम रेट पर डेली पास की तरह डेली परमिट की सुविधा रहेगी. इज़्ज़त पास टाइप.
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4. हमारे कुली भाईयों के लिये विशेष योजना के तहत यह सुविधा रहेगी कि वे यात्रियों से मन मर्ज़ी से पैसे ले और अगर वो मुँह मांगे पैसे देने से इंकार करें तो ये कुली भाईयों का विशेषाधिकार होगा कि वे चाहे तो उनका सामान पार कर दें या फिर उनसे मरने-मारने पर उतारू हो जायें
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5. हमारे दलाल भाई, टिकट चैकर और काऊंटर क्लर्क को यह सुविधा दी जायेगी कि वे किसी भी रूट पर यात्री देख कर उनसे मनमाना किराया वसूल कर सकें.... रेलवे, इस राष्ट्र हित के कार्य में उनकी सेवाओं की अनदेखी नहीं करेगी बल्कि उन्हें हर प्रकार की सुविधाएं देगी ताकि वे अपना अपना टारगैट पूरा कर सकें. हम सब भारतीय, भारत माता के सपूत हैं...क्या फर्क़ पडता है कि रामलाल ने नहीं श्याम लाल ने यात्रा की. पैसा आखिर क्या है ? हाथ का मैल......दो पाँच सौ रुपये आपके सौजन्य से यदि हमारे टी.टी. अथवा दलाल भाई को मिल जायें तो क्या बुराई है. लोग तो पुण्य कमाने ...परोपकार के लिये न जाने कहाँ कहाँ की खाक छानते फिरते हैं.
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बाकी आप हमें हमारे टोल फ्री नम्बर पर मिसकॉल देंगे तो हमारा प्रतिनिधि आपसे स्वयं आपके अड्डे पर या जहां आप ‘ रंदेवू ‘ तय करेंगे आकर सहर्ष मिलेगा और आपको हमारी अन्य तमाम स्कीमों की बारीकियां समझायेगा. जिन्हें हम यहां गोपनीयता के कारण और स्पेस कम होने के कारण तफसील से नहीं दे पा रहे हैं. हम आपके लिये, आपके निजी हितों को ध्यान में रख कर और आपकी आवश्यकता अनुसार कस्टमाइज स्कीम भी तैयार कर सकते हैं
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आपकी सेवा में सदैव तत्पर ...... “ हमें कोई और नहीं....आपको कोई ठौर नहीं “