Ravi ki duniya

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Thursday, August 12, 2010

कोहिनूर की वापसी



मेरे भारत महान में यकायक नागरिकों की देश भक्ति जाग उठी. न केवल जाग उठी बल्कि फड़क रही है. सब ओर से पुकार मच उठी है. हे अंग्रेजों ! हमारा कोहिनूर वापस लौटा दो. कोहिनूर हमारे देश की धरोहर है. इसे हमें वापस करो. हमारी धरोहर हमें दे दो बाबा. गरीबों की सुनो वो तुम्हारी सुनेगा. तुम एक कोहिनूर दोगे वो दस लाख देगा. कोहिनूर के बिना हम गौरवहीन हैं. हमारा गौरव हमें  दे दे ठाकुर.. बख्शीश प्लीज. सोचने वाली बात ये है कि अगर कहीं खुदा न ख्वासता अंग्रेजों को हम पर तरस आ गया और उन्होने दयावश कोहिनूर वापस कर दिया तो ? तो .. तो क्या होगा ? सबसे पहले तो नेताओं और अधिकारियों में इसी बात को लेकर मार-काट मच जायेगी कि इसे लेने कौन जाएगा. विदेश मंत्री या प्रधान मंत्री .. रक्षा मंत्री या खान मंत्री. फिर अधिकारी अपनी अपनी सीनियारिटी का रोना लेकर कूद पड़ेंगे. मुख्य सचिव.. सचिव.. या फिर संयुक्त सचिव और कितने कितने जायेंगे. महिलाएँ जाएँगी या फिर उन्हें आरक्षण बिल पास होने का इंतज़ार करना पड़ेगा.कहने को तो डायमंड इज वुमन का बेस्ट फ्रेंड .  साथ में पुलिस जाएगी या मिलिटरी . इतना आसान नहीं है कि टहलते हुए गए और कोहिनूर उठा लाये या फिर कूरियर से होम शॉपिंग की तरह माँगा लिया.

इस पर कैबिनेट में गहन विचार-विमर्श हुआ और 53 सदस्यीय एक मिनी शिष्टमंडल के जाने की बात तय पायी गयी. क्यों कि आजकल इकॉनमी चल रही है इसलिये 153 को काट-पीट कर मात्र 53 करना पड़ा. राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि , चैम्बर ऑफ कॉमर्स ,सहयोगी घटक दल , विपक्ष के नेता, महिलाएँ, पिछड़े, अगड़े शामिल किए गए. कुछ धावक और खिलाड़ी सूची में सम्मिलित होने से रह गए जो चारों ओर खामाख्वाह शोर मचाते घूम रहे हैं और अनाप-शनाप भाई-भतीजावाद का आरोप लगा रहे हैं. ये तय पाया गया है कि एक चार्टर्ड फ्लाइट से पूरा का पूरा लश्कर महीने भर को जाएगा. लगे हाथों वहाँ के तथा यूरोप के अन्य शहरों के  म्यूज़ियम की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा भी लेगा ताकि यहाँ सरकार को रिपोर्ट सौंपी जा सके. रिपोर्ट लिखने के आवश्यक प्रशिक्षण हेतु एक नया दल जाने की तैयारी की शॉपिंग में व्यस्त है. इसमें वे सब माननीय सदस्य हैं जो पहली मूल सूची (153) से धकेल दिये गए थे.

कैबिनेट की अगली बैठक में लगभग सिर फुटौव्वल की ही नौबत आ गयी कि कौन से दिन कोहिनीर भारत की सरजमीं पर उतरे सत्ता पक्ष के पार्टी अध्यक्ष के जन्मदिवस पर या विपक्ष के नेता की बरसी पर. टी.वी. पर कई दिनों तक ज्योतिषियों, न्यूमरोलोजिस्ट  और टेरो कार्ड वाले  धमाल मचाते रहे साथ ही तर्क शास्त्री दुहाई देते रहे कि किसी भी दिन किसी भी घड़ी कोहिनूर उतारा जा सकता है. न भी आए तो वांदा नहीं. क्या फर्क पड़ता है.

कम्यूनिस्ट का कहना था कि कोहिनूर सामंतवादी और बुरजुआ सोच का प्रतीक है. इसे लाने कि सोचना ही मजदूर विरोधी विचार है. हम तो शुरू से कह ही रहे हैं कि यह सरकार मजदूर विरोधी है. यकीन नहीं तो नमूना देख लीजिये ये कॉमनवेल्थ गेम्स पर उल्टा-सीधा खर्चा  और बढ़ती हुई महँगाई. बहुजन समाज का यह कहना है कि ये सरकार मनुवादी है ये तो हम सबको पता था अब तो यह कोहिनूरवादी भी हो गयी है. कोहिनूर खान से किसने निकाला गरीब शोषित खानकर्मियों ने इसलिये इस पर उनकी पार्टी का पहला हक है. महाराष्ट्र में एक अलग तरह का विवाद उफान पर था. सारी उम्र शिवाजी महाराज मुग़लों से लोहा लेते रहे और कोहिनूर कोई परप्रांतीय ले जाए वे सहन नहीं करेंगे और कोहिनूर हमें नहीं मिला तो परप्रांतियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटेंगे.

एक अलग चर्चा ये चल पड़ी है कि कोहिनूर रखा कहाँ जाएगा. हरगिज़ हरगिज़ दिल्ली में नहीं. वहीं से तो गायब हुआ था. लुटेरों को फिर वहीं दे दो. नादिरशाह जैसे बाहर गाँव के तो बाद में आयेंगे उस से पहले अंदर के लोगों ने ही ले उड़ना है. फिर बैठाते रहना एक के बाद एक जाँच समिति .

हमारे यहाँ जल विवाद, बांध विवाद, सीमा विवाद, प्रदूषण खेल विवाद, इतने सारे विवादों के चलते सरकार यह गंभीरता से सोच रही है कोहिनूर जहाँ है वहीं अच्छा है. यहाँ लाकर क्यों बेकार में फजीहत कराई जाए. वैसे भी यहाँ फजीहतों या फजीहत करने वालों की कोई कमी है क्या ? हाँ चाहे तो विपक्ष इसे भारतीय संस्कृति और गौरवशाली इतिहास की दुहाई दे कर अगले चुनाव के लिए जुगाड़ कर सकती है.



2 comments:

  1. सादर नमन ....

    बहुत खूब ..........आपने एक-२ घटना जो आज के राजनीतिक दाव पेचो से जन्म ले रही है उसको सही रूप मे चित्रित किया है....गैर मराठी विवाद पे तो क्या खूब कहा है "कोहिनूर कोई परप्रांतीय ले जाए वे सहन नहीं करेंगे और कोहिनूर हमें नहीं मिला तो परप्रांतियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटेंगे." ...........आपका ब्लोग से लगा कि सही मायने मे कोहिनूर के बारे मे ना ही सोचा जाये तो अच्छा है..............अन्यथा वो सब घटीत होने मे ज्यादा समय नही लगेगा,,,,,,,,,,,,,,,,

    आपसे एक सादर निवेदन है अगर profile मे थोडा HTML use करे तो ब्लाग की सुन्दरता मे निखार आयेगा...

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  2. श्री वत्स जीमुझे खुशी है की आपको मेरा व्यंग पसंद आया. मुझे कंप्यूटर का उतना ज्ञान नहीं है फिर भी आपके सुझाव पर अमल करने की कोशिश करूँगा. स्नेहिल धन्यवाद के साथ

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