Ravi ki duniya

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Monday, January 16, 2023

व्यंग्य : देखो एयर इंडिया यात्री पेशाब कर रहा है

 

26 नवम्बर 2022 को जब भारत अपनी स्वतंत्रता के प्रतीक संविधान दिवस को मना रहा था तभी न्यूयार्क - न्यू दिल्ली की एयर इंडिया फ्लाइट में एक भारतीय अपने पेशाब करने की स्वतंत्रता का उपयोग कर रहा था। अब ये बात दीगर है कि उसने यह कारनामा एक सहयात्री के ऊपर कर दिखाया। सहयात्री किस देश की थी पता नहीं। अंग्रेज हो तो वह कह सकता है कि उसने संविधान दिवस पर बदला लिया है। नहीं तो कह सकता है और कहा भी होगा कि उसे जोर की लगी थी। टाॅयलेट एंगेज थे। उसे तो खुले में करने की आदत है। मुझे और कूछ सूझा नहीं। ऐसा ही होता है जब जोर से लगी हो। लोगों की तो अपनी पेंट में ही निकल जाती है। महिला यात्री ने क्रू के ध्यान मे यह बात लाई मगर क्रू अन्य चीजों में इतना ध्यानमग्न था कि उसने ध्यान ही न दिया। अब जबकि एयर इंडिया बाकी इंडिया की तरह प्राइवेट हो गई है अत: क्रू ने भी सोचा बात पेशाब की तरह आई गई हो जाएगी। ज्यादा ध्यान देने पर अपने ही लेने के देने न पड़ जाएं। अत: उन्होने इसे भुला दिया


भुला दो फ्लाइट में कभी हम मिले थे...सपना ही समझो कि....


लेकिन 'जा तन लागे वो तन जाने' की तर्ज़ पर महिला चुप न बैठी, उसने सीधे चेयरमैन से लिखित शिकायत कर दी। फिर जनवरी 2023 में इसकी जांच की रपट और रिजल्ट आया। उस पेशाबी यात्री पर 30 दिन के लिए उड़ने पर पाबंदी लगा दी। देखिये सरकारी तो है नहीं प्राइवेट है। प्राइवेट है तो नफा- नुकसान भी देखना होता है। अब ये तो नहीं कि एक छँटाक भर पेशाब के चलते अपना 'लाॅस' अन्य एयरलाइन्स का 'गेन' बना दिया जाए। वैसे हो सकता है यात्री लौट भी गया हो या फिर अन्य किसी भी एयरलाइन्स से आ-जा सकता है। उन पर थोड़ा बैन है। फिर 30 दिन गुजरने में वक़्त ही कितना लगता है। उससे भी कम जितना 26 नवम्बर 2022 से यह सज़ा देने में लगा।


मैं सोचता हूं अब जबकि विमान में गाली- गलौज झगड़े-फसाद, लात-घूंसे आम हो चले हैं (उड़ेगा आम आदमी) तो लगे हाथों एक सूची भी जारी कर दी जाए:

यात्री पर थूकना 10 दिन बैन
" उल्टी 15 दिन बैन
" नाक छिनकी 20 दिन बैन
" पेशाब 30 दिन बैन
" टट्टी 40 दिन बैन

'रिपीट ऑफेंडर' पर 5 दिन और बढ़ा दिये जाएं।


दूसरा एक सुझाव है कि इस पूरे प्राॅसस को माॅनिटाइज कर दिया जाए:

थूकना 5000/-
पेशाब 10,000/-
टट्टी 20,000/-
'फाइन' दीजिये तब सब 'फाइन' है, चंगा है।


यद्यपि यात्री ने अपने बचाव में तर्क दिए होंगे यथा वह नशे में था, उसे नींद में चलने की बीमारी है, उसका नींद में पेशाब निकल जाता है (मेरा भी बचपन में निकल जाता था) डाॅक्टर से एक अदद 'सटीफिकिट' चस्पा कर दीजिये। 'एरर ऑफ जजमेंट' था उसने सोचा टाॅयलेट आ गया। वह महिला यात्री को देख इतना खौफज़दा हुआ, इतना डर गया कि ...

वाट कैन वी डू वैन ही इज़ टाइट
कस्टमर इज़ ऑलवेज राइट

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