खबर आई है कि आइस क्रीम में इंसानी उंगली मिली है। भला हो ग्राहक का वह डॉक्टर था सो फौरन पहचान भी गया। आम आदमी तो उसे कोई नया फ्लेवर समझता और सोचता आइसक्रीम वाले अब कंपटीशन के चलते बड़े बड़े नट्स-ड्राई फ्रूट्स डालते ही हैं यह थोड़ा बड़ी मेवा होगी। हिन्दुस्तानी नहीं तो विदेशी होगी। हो सकता है वह इस बात से खुश भी हो जाता। और उनका यह ‘फिंगर फ्लेवर’ चल निकलता। जैसे 'फिश फिंगर' चल ही रही है। जैसे 'फिंगर फ्राई' चल पड़ी है। कोई माल चल निकले और ग्राहक को पसंद आ जाये तो फिर वो कीमत नहीं देखता।
आइस क्रीम
वाले फिर इसकी देखा-देखी और नए-नए अद्भुत फ्लेवर निकालते। बाकी जितने अब तक के
फ्लेवर हैं वो मुंह छुपाए फिरते। उन्हें कोई नहीं पूछता। उनकी मार्किट वैसे ही
डाउन हो जाती जैसे आजकल बटर स्कॉच, ब्लू करंट, स्ट्राबेरी, कसाटा और टूटी-फ्रूटी
के आगे वैनिला, ऑरेंज को कोई नहीं पूछता। लोग इसे खूब पाॅपुलर करते। नए-नए
फ्लेवर इंसानी अंग अनुसार चल पड़ते। फिंगर-स्कॉच, लिप- बेरी, ईयर-करंट, स्वीट-टूथ, टंग-ट्विस्टर, सोचो देखते-देखते
इन नॉन-वेज आइस क्रीम के फ्लेवर्स का कितना क्रेज़ हो जाएगा। नो वेज, नो वीगन प्लीज़।
ऑनली नाॅन-वैज।
इससे आइस क्रीम जगत में बड़ी क्रांति आ जाएगी। नए नए कंपटीशन
खड़े हो जाएँगे। लीवर-लाइट, किडनी-कुल्फी, हार्ट्स-कंटेन्ट। मानव
अंगों की तस्करी करने वालों को इतने ऑर्डर मिलने लग पड़ेंगे कि उन्हे ओवर टाइम करना
पड़ेगा। चिंता की बात ये है कि इतने अंग मिलेंगे कैसे। आइस क्रीम बहुत महंगी होगी
कारण कि इतने सारे डोनर कहाँ-कैसे मिलेंगे ? फिर क्लेण्डस्टाइन तरीके
से मानव तस्करी को बल मिलेगा। औने पौने दाम पर उँगलियाँ बिकने लगेंगी। कुछ लोग
सोया-चाॅप की तरह नकली फिंगर के कारोबार में लग जाएंगे जिससे एम.एस.एम.ई. उद्योग
को बढ़ावा मिलेगा और बेरोजगारी की समस्या के हल में मदद मिलेगी। दस दस उँगलियाँ आप
लटकाए लटकाये घूम रहे हैं क्या फायदा इनका। शादी ब्याह में अलग रौनक़ रहती। हमारे
बंबई वाले मामा जी की शादी में चार चार आइस क्रीम फ्लेवर थे सारे के सारे बॉडी
पार्ट्स वाले। केक पेस्ट्री ही नहीं हमारे यहाँ आइसक्रीम बहुत पोपुलर हो चली है।
हर मौके बेमौके आइसक्रीम का जलवा रहता है। क्या
इंडिया गेट, क्या मरीन ड्राइव, आप तो ये सोचो कितनी बड़ी मार्किट अनटेप रही है अब तक। बड़े बड़े आविष्कार
ऐसे बड़े बड़े शहरों में छोटे छोटे एक्सीडेंट से ही प्रकाश में आते हैं। आगे इतिहास
में लिखा जाएगा इसका आविष्कार फलां कंपनी ने संवत 2024 ईस्वी में भारत में किया
गया था।
आइस क्रीम वाले पार्लर अलग क्लेम करेंगे हमारे यहाँ शुद्ध
मानव अंगों का उपयोग किया जाता है। नकली साबित करने वाले को एक वर्ष तक मुफ्त
आइसक्रीम दी जाएगी।
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