मैं भी सोच रहा हूँ कोई तो बात होगी इन क्रॉस कंट्री
दुल्हनों में। काश कोई सीमा हैदर, कोई हनी, पाकिस्तान छोड़, बांग्लादेश छोड़ सीधे हमसे आन मिले।
सोचा जाये तो बहुत विन-विन सिचुएशन है जी। न कोई दहेज का टंटा न कोई जात-धर्म का
पुंछेला। बस मैं “... मैं आया.. आया....”
गाते मैं एयरपोर्ट/बस-अड्डा/रेलवे स्टेशन अब जिस साधन से भी वो मेरे दिल की
मलिका आ रही हैं पहुँच जाता उधर वो “..मैं आई.. आई..” कहती आ जातीं। बस फिर शुरू
होता हमारा प्रैस से, चैनल से इंटरव्यू टाइप हनीमून।
लोग छाती पीटते, रोते चिल्लाते रहें खासकर समाज के और देश के सेल्फ-अपोइंटिड ठेकेदार।
अपुन तो वी.आई.पी. बने घूमेंगे-फिरेंगे। हम पर रातों-रात कितने मीम बन जाएँगे , कितने लोग तो हमारे बारे में बात कर-कर के ही वायरल हो जाएँगे। फेमस हो
जाएँगे।
देखो जी कोई
ढंग का रोजगार है नहीं। देश में सब जानते हैं हम जैसे शिक्षित नौजवान
मुहब्बत-वीरों की हालत। सो यहाँ तो कोई अपनी लड़की देने से रहा। आखिर कौन माँ-बाप
अपनी लड़की को जान बूझ कर कुएं में धकेलेगा।
या अली ! अब तो
मुहब्बत तेरा ही आसरा है। सुन रहे हो ! नेपाल..बांग्लादेश..पाकिस्तान..भूटान..श्रीलंका वालो!! या फिर तुम सब इस ग़रीब वीरू को टंकी से कुदा कर ही मानोगे
? देखो मैं सारे सिग्नल तोड़-ताड़ कर टंकी पर चढ़ गया हूँ। इतने पर तो हेमा मालिनी ने न केवल फिल्म में
बल्कि असल ज़िंदगी में भी धर्मेंद्र से शादी कर ली थी। मैं भी दिल की खातिर दिलावर
बनने को तत्पर बैठा हूँ, दिलबर नज़र तो आए।
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