तुझसे मिलने आऊँगा मैं आधी रात के बाद
तेरा ये कहना “ज़रूर ! पर एफ़िडेविट के बाद”
तुझे यूं मैं अपनी जान से ज्यादा चाहता हूँ
तेरी ये ज़िद “यकीं आयेगा एफ़िडेविट के बाद”
ये कैसा दौर आ गया हमारे देखते देखते
ज़ुबां की कोई कीमत ही न रही ज़माने में
निक़ाह हो कर्ज़ हो या नेताओं की खरीद फरोख्त
सब काम अब होने लगे एफ़िडेविट के बाद
ये चलन है तो यूं ही सही आज के बाद !
मिलने की सोचूंगा अब तेरे एफ़िडेविट के बाद
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