चुनाव आते ही उम्मीदवार नए-नए अनोखे से अनोखे वादे अपने वोटरों से करते हैं। वह इस बात का ख्याल रखते हैं कि इस इलाके में क्या समस्या बर्निंग चल रही है जिसके समाधान का वादा मतदाता को लुभाने में सफल हो सकता है। कहावत है कि पाॅलिटिशियन वो होता है जो वहाँ भी लोगों को पुल प्राॅमिज़ कर देता है जहां कोई नदी ही न हो। यह आपको अपने शहर में ही देखने को मिल जाएगा। ना जाने कितने फ्लाईओवर, न जाने कितने अंडर-पास बस यूं ही बना दिये जाते हैं उनकी कोई खास ज़रूरत होती नहीं है। मज़ेदार बात ये है कि जहां ज़रूरत होती है वहाँ आप पाएंगे कुछ बना ही नहीं है। पुराने ज़माने में जब अकाल या बाढ़ से प्रजा त्राहि त्राहि करती होती थी तो राजा-महाराजा तालाब खुदवा देते थे, महल बनवाते थे, बावड़ियाँ बनवाते थे और प्रजा को एक सम्मानजनक तरीके से जीवनयापन का माध्यम उपलब्ध कराते थे। अब नेता लोग फ्लाई ओवर, सड़क बनवा कर, पार्क / स्टेचू बनवा कर अपने लिए एक अच्छी ख़ासी रकम का प्रबंध कर लेते हैं। फाॅर्मूला वही है, बेनीफिश्यरी बदल गए हैं। यूं कहने को वो यही कहते हैं कि ये सब नागरिकों के लिए ही है। इसी श्रंखला में लेटेस्ट खबर है कि असेंबली के चुनाव में एक उम्मीदवार ने वादा किया है कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में कुंवारों की शादी कराएगा। अब यह बहुत ट्रिकी स्टेटमेंट है। इसके अनेक अर्थ होते हैं/निकाले जा सकते हैं:
1. जैसे सामूहिक विवाह होते हैं वैसे वो भी तम्बू-शामियाना लगवा देंगे, बहुत करो तो एकदम गरीब लोगों वास्ते रियायती दाम पर बारात को भोजन भी करा देंगे
2. दूसरे, वे यह कोशिश करेंगे कि योग्य वर और वधू को आपस में मिलाया जाये इसके लिए वे प्लेटफॉर्म बनवाएंगे और छमाही परिचय-सम्मेलन आयोजित किया करेंगे।
3. वे वर पक्ष को रोजगार का प्रबंध करेंगे ताकि उनका विवाह हो जाये।
4. वे दूसरे राज्य से वर/वधू जैसी भी दरकार हो का प्रबंध करेंगे। दूसरे शब्दों में प्रवासी/माइग्रेशन को आसान बनाएँगे। आखिर नेशनल इंटेग्रेशन के लिए यह अत्यंत आवश्यक है।
5. वे वर पक्ष और वधू पक्ष के मेकअप पर होने वाले खर्चे उठाएंगे।
6. वे केवल मंत्र पढ़वाएंगे बाकी और कुछ नहीं।
7. वे घर-घर जाकर पता लगाएंगे कि उनके घर में कोई विवाह योग्य लड़का या लड़की है क्या ? यदि हाँ तो उसके पर्टिकुलर्स नोट किए जाएँगे एक तरह से उनके सी.वी. का रजिस्ट्रेशन करेंगे। देट्स ऑल।
8. वो अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक बेंकुएट हॉल खुलवा देंगे ताकि लोग वहाँ अपनी बारात सहित पधारें। मंडप आदि का इंतज़ाम होगा।
9. यह स्कीम केवल उन लोगों के लिए खुली रहेगी जो पहले से ही रोजगार में हैं। बेरोजगारों के लिए इसमें कोई जगह नहीं। रोजगार के लिए उनको मेरे अगले चुनाव घोषणा पत्र की प्रतीक्षा करनी होगी शायद अगले चुनाव में यह वादा दे सकने की स्थिति में आऊँ।
10. प्रेमी-प्रेमिका जब तैयार हो जायें, हम शादी का इंतज़ाम कर देंगे। कैसे वधू को “सहेली से मिलने जा रही हूँ” कह कर हम दोनों को इकट्ठा करेंगे और एक कोर्ट मैरिज और एक मंत्र उच्चारण के साथ दोनों तरीके से पक्का काम करा कर देंगे। विटनैस / फोटोग्राफर हम प्रोवाइड करा कर देंगे।
11. इससे समाज में प्रेम फैलेगा। आज समाज को प्रेम की बहुत ज़रूरत है। अतः प्रेम के लिए प्रेम से अपने इस उम्मीदवार को वोट दें और भारी मतों से जिताएं। इधर मैं जीता उधर असेम्बली बाद में जाऊंगा पहले आपको मंडप में पहुंचाऊंगा।
12. इससे अनावश्यक खर्चे में बचत होगी। हम अपने बेंकुएट हॉल में आपके साइज़ के सूट और दुल्हन के कपड़े रखेंगे। आपको कोई खर्चा करना ही नहीं है। हाँ जाने से पहले कृपया सूट और दुल्हन का लिबास लौटाना ना भूलें।
सी यू एट मतदान केंद्र एंड दैन इन मैरिज़-मंडप !
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