Ravi ki duniya

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Sunday, April 30, 2023

विकास फ़रोश

 

जी हां हुजूर मैं विकास बेचता हूं

मैं तरह तरह के विकास बेचता हूं

मैं किसिम किसिम के विकास बेचता हूं

हां जी हां मैं विकास बेचता हूं

जी माल देखिये दाम बताऊंगा

बेकाम नहीं हैं काम बताऊंगा

कुछ विकास किया है मस्ती में मैंने

कुछ विकास किया है पस्ती में मैंने

यह विकास फ्री मोबाइल लायेगा

ये विकास पिया को बुलेट ट्रेन से बुलायेगा

जी पहले ही दिन से नहीं शर्म लगी मुझको

बाद में और भी अक्ल जगी मुझको

जी लोगों ने तो बेच दिये अपने ईमान

आप न हों सुनकर हैरान

मैं सोच समझ कर आखिर विकास बेचता हूं

यह 'विकास माॅडल' गुजरात का है आकर देखें

यह विकास गोरखपुर हाॅस्पीटल का है बच्चा दाखिल कर देखें

यह विकास कुकिंग गैस का है पका कर देखें

यह विकास डीजल-पेट्रोल का है चला कर देखें

यह विकास LED बल्ब का है जला कर देखें

यह विकास हिन्दू को मुस्लिम से लड़ाता है

यह विकास गोबर से सोना बनाने का तरीका बताता है

यह विकास गोमूत को अमृत बनाता है

ध्यान से देखिये श्रीमान

ये विकास बीफ के एक्सपोर्ट का है

ये विकास ट्रिपल तलाक के कोर्ट का है

ये विकास, प्लानिंग कमीशन को रातोंरात नीति आयोग कर देगा

ये विकास रेसकोर्स का लोक-कल्याण कर देगा

ये विकास एक के बदले दस सर लायेगा

ये विकास किसान को जवानी में स्वर्ग ले जायेगा

ये विकास विरोधी को अदालत ले जाता है

ये विकास शहर में दंगे कराता है

ये विकास दलित के साथ पंगे कराता है

ये विकास लव जिहाद के बंदे का है

ये विकास आज के नेता, कल तलक के गुंडे का है

जी विकास देवताओं की सर्जरी का लिखूं

जी विकास पुष्पक विमानों की साॅर्टी का लिखूं

ये विकास रेल में बच्चे को

दवाई-दूध पिलायेगा

ये विकास पड़ोसी बच्चे को मेडीकल वीज़ा को हैडलाइन्स बनायेगा

ये विकास एंटी रोमियो बनाता है

ये विकास आपके शहर को स्मार्ट सिटी बनाता है

ये विकास नये नये नोटों का है

ये विकास 'अच्छे दिन' कह वोटों का है

ये विकास मार्गदर्शन मंडल को मार्ग भुलायेगा

ये विकास 2022 के झूले में झुलायेगा

मैं विकास ही तो करता रहता हूं दिन रात

तरह तरह का बन जाता है विकास

रूठ रूठ कर मन जाता है विकास

जी बहुत ढेर लग गया हटाता हूं

आपकी मर्जी और दिखाता हूं

मैं बिल्कुल अंतिम और दिखाता हूं

या 'भीतर' जाकर पूछ आईये आप

है विकास बेचना वैसे बिल्कुल पाप

क्या करूं मगर हूं आदत से लाचार

मुझे 'कुर्सी' से है बेइन्तिहा प्यार

इसलिये हुजूर मैं विकास बेचता हूं

(स्व.भवानी प्रसाद मिश्र से क्षमा याचना के साथ)

 

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