पहले जब कपड़े मैल पकड़ते थे तो हम कपड़े भट्टी पर चढ़ाते थे, घर में हम लोग नील लगाते थे, टिनोपाल/रानीपाल लगाते थे। आजकल ‘आला’ में डालते हैं। अब जब से नेता लोग मैल पकड़ने लगे हैं वो किसी न किसी ‘कोरट’ से क्लीन चिट ले आते हैं। फिर सभ्यता और आगे बड़ी तो वे खुद ही एक-दूसरे को क्लीन चिट देने लगे। नेता देता है तो लेता भी है। अतः नेता यूं ही सैंत-मैंत में क्लीन चिट नहीं देता। फिर इस सब में टाइम बहुत लगता था। तब आई एक क्रांतिकारी योजना कि क्यों न नेता खुदै ही खुद को क्लीन चिट दे देवे। जीव-जीव सब एकसै।
तब शुभारंभ हुआ खुद को खुद के कामों के लिए क्लीन चिट देने की पवित्र परंपरा का। अब जो है सो, आपने कभी अपने बचपन में या बोले तो किशोरावस्था/युवावस्था में कोई कैसी भी गलती की हो (लड़कों से गलती हो ही जाती है) यह सोच कर आप जैसे ही थोड़े से भी खुदमुख्तार हुए अपने आप को पहले अवसर पर क्लीन चिट दे दें। सेल्फ अटेस्टेशन की तरह। अव्वल तो कोई चूँ करेगा नहीं, करे तो भी वान्दा नहीं। सोचने का नहीं। न कोई प्रतिक्रिया देनी है। आपका ब्रह्म वाक्य है “मेरी न्यायपालिका में पूरी-पूरी आस्था है”। अब देखो भाई ! आपकी जैसे नगर पालिका में आस्था थी, उसकी टेंडर व्यवस्था में आस्था थी बस वैसी ही कुछ न्यायपालिका में है और रहेगी।
अब जित देखो तित लोग बाग अपने आप को क्लीन चिट देने में बिज़ी हैं। यह क्लीन चिट बड़े काम की चीज़ है। नेताओं का तो यही राशन कार्ड है, यही सच मायने में जीवन का आधार है, आधार कार्ड है।
अब आप चाहें तो खुल कर चोरी कर सकते हैं और कोई कुछ पूछे उस से पहले ही खुद को क्लीन चिट दे छोड़ें, मसलन आप उस दिन शहर में थे ही नहीं। ज्यादा हो तो आप उस दौरान मुल्क में ही नहीं थे। ये आपकी नर्म निर्मल छवि को धूमिल करने का बचकाना प्रयास भर है। हम इस क्लीन चिट को वाजिब दाम पर वाहन प्रदूषण के पी.यू.सी. की तरह जगह-जगह, नुक्कड़-नुक्कड़ बूथ पर उपलब्ध कराएंगे। आखिर क्लीन चिट पर गरीबों का भी कोई हक़ है कि नहीं। ‘आपकी क्लीन चिट-आपके द्वार। समय-समय पर लोक अदालत की तरह क्लीन चिट, केंप लगा कर वितरित की जाया करेंगी।
इसी तरह यदि आप हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, डकैती, मानव- अंग तस्करी, या पूरे के पूरे मानव की तस्करी, स्मगलिंग, जालसाज़ी, मनी-लॉन्डरिंग गोया कि क्राइम कोई हो, गुनाह कोई हो ऐसा कौन सा दाग है जो धोया न जा सके। हम आपकी सेवा में एक कदम आगे जाकर आपके लिए अग्रिम जमानत के माफिक ‘अग्रिम क्लीन-चिट’ स्कीम लाएँगे। इसके अंतर्गत आप पहले से ही ‘एंटीसीपेट्री क्लीन-चिट’ ले कर खींसे में रख सकते हैं। कोई कहीं धर-पकड़ हो, आप को ड्राइविंग लाइसेन्स की तरह दिखाना भर है और पुढे चला !
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