हमारा समाज सदैव से प्यार, मुहब्बत, इश्क़, लव के खिलाफ रहा है।
हम ऊपर ऊपर से कितने ही मॉडर्न बातें करने लग जाएँ, कितने ही लिबरल दिखने
लग जाएँ, अंदर से हम बहुत ही रूढ़िवादी हैं और इन सब ‘फालतू’ चीजों के सख्त खिलाफ हैं।
ये बेवकूफ़ों के काम हैं। मज़े की बात ये है कि ये कितना ही फालतू का काम हो आप
कितने ही इसके खिलाफ हों यह सदियों से चला आ रहा है और सदियों तक चलने वाला है, कम नहीं हुआ बढ़ा ही
है। वो क्या कहते हैं मर्ज बढ़ता गया ज्यों ज्यों दवा की। दूर जाने की ज़रूरत नहीं
अपने कुटुम्ब-कुनबे में ही मौजूद है।
इसी श्रंखला में नवीनतम केस है एक
इंस्पेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर को 'आई लव यू' क्या कह दिया हंगामा ही मच गया। बोले तो हंगामा है क्यूँ बरपा... इंस्पेक्टर ने अपनी फीलिंग आपको बता दी। आप को
हक़ है आप उसके आई लव यू का जवाब दें न दें। कैसे दें। पर उसको यूं सार्वजनिक कर
देना और तो और साइबर थाने में उसकी रिपोर्ट करना तो कुछ ज्यादा ही हो गया। आप उसके
निवेदन को ठुकरा सकते थे। आप लिख सकते थे आई डोंट लव यू। आप उसे ब्लॉक कर सकते थे।
आप उसे ऑफिस में चाय पर बुला कर समझा सकते थे। पर आपने भी उस ग़रीब को ना जाने
क्यूँ एक अपराधी जैसा बना दिया और इधर उधर उसकी रिपोर्ट कर दी । बदनामी अलग।
मुझे इसमें दो पहलू नज़र आते हैं पहला ये कि
बेचारे इंस्पेक्टर ने यह बात अपने रिटायरमेंट वाले दिन कही। इससे लगता है कि आपके
लिए उम्र की कोई सीमा रही होगी उसने तो
राज बब्बर को गाते सुना था "न उम्र की सीमा हो ..." और उसने देखा अनीता
राज़ ने कुछ भी राज़ न रखा। लेकिन लगता है आपको उसकी उम्र अखर गई। उसकी नज़र से
देखें। अब तक तो वो ऑफिस के, पुलिस के डिसिप्लिन से बंधा था। ऑफिस उस पर एक्शन ले लेता। वह सस्पेंड हो सकता
था। नौकरी जा सकती थी। अतः उसने पहले अपनी पेंशन पक्की करी। भविष्य निधि आदि वसूल
पाई फिर आर्थिक सुरक्षा चाक चौबन्द कर के सोच-समझ कर अपने प्रेम का इज़हार किया।
उसे ऐसा क्या पता था कि आपको ये बात इतनी नागवार गुज़रेगी। आप उसके प्रेम निवेदन को
स्नेह पूर्ण ढंग से अस्वीकार कर सकती थीं पर ये क्या उसकी धर-पकड़ करा दी। उसके दिल
की बातों का जवाब आपने दिमाग से दिया, अपने ओहदे का इस्तेमाल
किया।
दूसरी बात ये है कि फर्ज़ करो वह रिटायर होने
वाली इंस्पेक्टर आप होतीं और वह प्रेम
दीवाना डिप्टी कलेक्टर होता तो भी आपका रिएक्शन यही होता ? तो भी आप साइबर सेल
में जातीं ? समझो यदि आप उसे 'आई लव यू' कहतीं तो मुझे पक्का यकीन है वह किसी
साइबर सेल में नहीं जाता। या तो वह स्वीकार करता या फिर सविनय आपको ऊंच-नीच
समझाता। आप तो सीधे-सीधे अपना ओहदा बीच में ले आए। प्यार में ये ओहदे-वोहदे कहाँ
चलते हैं जी। ये तो दिल की बातें हैं। एक प्रेमी को प्रेम से समझाना था न कि कानून
के डंडे से। प्रेम एक कोमल ललित भावना है उसे उसी तरह डील करना था न कि इस तरह से।
आप तो उसके ऊपर एंटी-रोमियो स्क्वैड ही छोड़ दिये।
अगले का तो प्रेम से विश्वास ही उठ जाएगा।
उसकी दुनियां को देखने की नज़र ही बदल जाएगी। आपने उसकी पर्सनलिटी को नुकसान
पहुंचाया है। क्या किसी के काॅम्पलीमेंट का जवाब इस तरह दिया जाता है। कोई आपको
कहे "आज आप बहुत सुंदर लग रही हैं" या "ये साड़ी आप पर बहुत फब रही
है" आप फ्लाइंग स्कवैड ही बुला लेंगी। उसने एक फर्स्ट क्लास बात कही, उसका जवाब थर्ड डिग्री
में नहीं देना चाहिए। लोगों को कॉम्प्लिमेंट देने से पहले अब बहुत सोचना पड़ेगा। आप
दिल के दरमियान दिमाग को ले आए। बात आई गई हो सकती थी। आपने तो उसे सबक सिखाने की
ही ठान ली। अब बेचारे की ज़मीन-जायदाद न कुर्क कर लेना दिल तो आपने उसका पहले ही
कुर्क कर लिया।
वी डोंट लव यू
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