Ravi ki duniya

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Sunday, October 12, 2025

व्यंग्य: हमारी भूमिका नहीं

 


       

यह बहुत उम्दा वाक्य है। यूं चाहो तो सबके फटे में टांग अड़ाते फिरो और जब विषय फजीहत वाला हो तो यह वाक्य बोल कर साइड हो जाओ। "हमारी भूमिका नहीं" दूर के-नजदीक के रिश्तेदारों की खूब बुराई करो, लगाई - बुझाई करो और जब अगला पर्याप्त रूप से तमाम शहर में बदनाम हो जाये तो 'इनोसेन्टली' इसी वाक्य का सहारा बिंदास ले लें। 'हमारी भूमिका नहीं'। साथ में जोड़ना चाहें तो जोड़ दें। "अगले के करम ही ऐसे हैं, आज नहीं तो कल ये होना ही था"। जैसे पेरेंट्स बच्चों से ‘पॉलिटिक्स’ करते हैं। मम्मी मारे तो पिता कह सकता है मेरी कोई भूमिका नहीं। पिता कूटे तो मम्मी जी ये कह सकती हैं मेरी भूमिका नहीं।


इसी तरह के सीन दफ्तर दफ्तर दिखाई देते हैं। सब एक दूसरे की बुराई करने में मसरूफ़ रहते हैं। टाइम पास करते हैं। कभी बात गलत टर्न ले ले तो यह कह कर दूर जा खड़े हो। आपने वो कहावत सुनी है न ? आग लगा जमालो दूर खड़ी हुई। इस फाॅर्मूले का इस्तेमाल बहू अपनी सास के लिए और सास अपनी बहू के लिए प्रचुर मात्रा में करती है। यूं अब फोन रिकॉर्डिंग आदि की वजह से ज्यादा चौकस रहने की ज़रूरत है। जब से ये ए.आई. (आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस) चली है कैसा भी सीन सिने-तारिका देकर ये एक वाक्य बोल किनारा कर लेती हैं। यही तोहमत पहले ‘बॉडी डबल’ के माथे मढ़ती आई हैं। जब थानेदार की बीवी ने थानेदार साब को रात में जगाया कि लगता है घर में चोर घुस आए हैं। थानेदार साब का कहना था "ये मेरा इलाका नहीं है" हमारी भूमिका नहीं। कोई मरो, कोई कटो। जब जालसाज़ी का शिकार लोग थाने जाते हैं तो पहला सवाल यही होता है। "हमसे पूछ कर पैसे दिये थे इस स्कीम में ? इसके जाल में घुसने से पहले हमसे पूछा था? अब बिसूरते हुए हमारे पास क्यूँ आए हो? हमारी भूमिका नहीं"। 


टीचर कह सकता है मैंने सिर्फ पेपर सेट किया है, पढ़ाया है, पेपर चैक नहीं किये अतः आपके बच्चे के फेल होने में हमारी भूमिका नहीं। एक जमाने में जब बहुएँ धड़ाधड़ स्टोव से जल मर रहीं थीं तब सास की यही डिफेंस होती थी, हमारी कोई भूमिका नहीं। तब एक कोर्ट ने यह पूछ ही लिया कि कभी सास अथवा ननद स्टोव से क्यों नहीं झुलसते ? 


अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के भारत आगमन पर आयोजित प्रेस काॅन्फरेंस में महिला पत्रकारों को उपस्थित रहने की इजाजत नहीं थी। जब विपक्ष ने हो-हल्ला मचाया तो ऑथरिटी ने साफ कह दिया हमारी भूमिका नहीं। भाई महिलाएं जानें और अफगानिस्तान (तालिबान) जाने। महिलाओं को ज्यादा पड़ी है तो वे अफगानिस्तान जा सकती हैं। हो सकता है तालिबान को यह गवारा ही न हो कि कोई खातून उनसे सवालात पूछने की हिमाकत करे। 


                                   'यू हैव नाॅट टू आस्क वाई

                                    यू हैव टू डू एंड  डाई....'

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