Ravi ki duniya

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Monday, October 6, 2025

व्यंग्य: स्टेंट का स्टंट

 

                                                       

 

 इन दिनों देखने में आया है कि दिल पर बहुत 'लोड' आ गया है। इसमें बहुत बड़ा हाथ हमारी फिल्मों का है। हर फिल्म में वही दिल का लगाना, गीतों में तो वही दिल का रोना। मैं अक्सर कहता हूँ कोई विदेशी हमारी फिल्म देखे तो समझे हमारे मुल्क में कितनी प्यार-मुहब्बत चहुं ओर बिखरी पड़ी है। जिसे देखो वो दिल लगाने में बिज़ी है। गाने गा रहा है, नाच रहा है, हमारा हैपिनेस इंडेक्स फ़लक तक जा पहुंचा है। दिल पर इतना लोड हो तो इसके बोझ तले दब कर क्या हाल न हो जाये। आप की छाती में जरा दर्द हुआ, आपको चलने-फिरने में जरा पसीना आ जाये या आप हाँफने लग जाएँ तो आप डॉक्टर के पास जाएँगे। वह दिल से आपका इंतज़ार कर रहा है। आप आएंगे या नहीं ये सोच-सोच उसका दिल बैठा जाता है। आप को देख उसे दिली खुशी होती है। वह आपके टेस्ट करने, आपकी जांच की नृत्य-नाटिका करता है। नृत्य आप करते हैं। नाटक वह करता है।

 

आपकी तो फलां नस 85% ब्लॉक है। दूसरी वाली 90% ब्लॉक है। बस एक 45% ब्लॉक है और उसी के बल पर आप चल-फिर रहे हैं। आपके दिल को दहलाने को इतना काफी है। आप डरते-डरते डॉक्टर से पूछते हैं कि उसकी क्या एड्वाइज़ है ? वह पूरी गंभीरता ओढ़े हुए दार्शनिक अंदाज़ में बताता है कि चले तो महीनों चल जाये, नहीं चले तो शाम तक न चल पाये। आप को समुचित तौर पर डरा कर वह तटस्थ भाव से कह देता है कि कराना तो पड़ेगा, चाहे आज कराओ या कल। आप डिस्कस कर लेना घर में और आ जाना। बस एक दिन का काम है। यूं एक दिन पहले भर्ती होना पड़ेगा टेस्ट के लिए दूसरे दिन ऑपरेशन फिर उसके बाद 48 घंटे को ऑब्जरवेशन में रखेंगे। बस आप अगले दिन से ऑफिस जा सकते हैं। आप उसे बताते हैं कि आप ऑफिस नहीं जाते तो वह कहता है कोई बात नहीं किसी और ऑफिस चले जाना और कुछ नहीं तो बैंक में आना-जाना जारी रखें। कभी पास-बुक अपडेट कराने कभी इन्टरेस्ट सार्टिफिकेट के लिए। गो कि चलते-फिरते रहो। तब वह यह नहीं बताता कि हर दो महीने में एक बार रिव्यू को आना पड़ेगा।

 

अब हर अस्पताल में, हर दूसरा डॉक्टर हृदय रोग विशेषज्ञ हो गया है। अपने बारे में कुछ अफवाह फैला दीजिये जैसे: डॉक्टर साब के हाथ में जादू है। डॉक्टर साब से कंसल्ट करने को महीनों की 'वेट' करनी पड़ती है। 'क्यू' ही इतनी लंबी है। आप लकी हैं अगर आगामी छह महीने में आपके ऑपरेशन का नंबर लग जाये आदि आदि। डॉक्टर आपके सामने कुछ-कुछ नाम लेता है जैसे एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, बैलूनिंग, लैपरस्कोपी, मिट्रल वाल्व। कभी स्टेंट एक अकेला नहीं लगता, जोड़े से लगते हैं। कमसेकम दो लगते हैं। ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप कितना खर्चा-पानी एफोर्ड कर सकते हैं। मैं ऐसे एक मित्र को जानता हूँ जो जब दिखाने जाये, वो एक स्टेंट और लगा छोड़ें। आजकल शायद उसके चार या छह स्टेंट लगे हुए हैं। वह भी अब इन स्टेंट पर गर्व करने लग पड़ा है। सबको बड़े फख्र से बताता है कि उसके चार स्टेंट लगे हुए हैं। जैसे किसी युद्ध में कोई मेडल मिले हों। यह स्टेंट का स्टंट आजकल खूब चल रेला है। मैंने सुना है यह स्टेंट जैम क्लिप की तरह होता है और बहुत सस्ता मिलता है। सारे पैसे ऑपरेशन-थियेटर, फाइव स्टार होटल और डॉक्टर की आपसे इंग्लिश बोलने के हैं।

 

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