Ravi ki duniya

Ravi ki duniya

Monday, December 22, 2025

व्यंग्य: एपस्टीन फाइल पर भारतीय नेताओं की प्रतिक्रिया

 

1. ये मैं हूं ही नहीं
2. ये फोटोशॉप है। सिर मेरा मालूम देता ज़रूर है। पर मेरा नहीं और धड़ तो डेफ़िनिटली मेरा नहीं
3. ये विपक्ष की चाल है
4. इस में विदेशी ताकतों का हाथ है। बल्कि हाथ ही क्या? पाँव, पीठ, घुटना सब उन्हीं का है।
5. यह इंडिया को कमजोर और बदनाम करने की साजिश है
6. यह न्यू इंडिया है दूसरे देशों से भारत की तरक्की देखी नहीं जा रही अतः यह उनका प्लान आई मीन षड्यंत्र है
7. मैं तो कभी अमरीका गया ही नहीं
8. मैं अमरीका गया ज़रूर था पर मैं किसी आइलेंड पर नहीं गया।
9. मैं किसी जेफरसन को नहीं जानता सिर्फ एक ही जेफरसन के बारे में मैंने पढ़ा था पर वो तो बहुत दिन हुए मर गया थॉमस जैफरसन
10. यह लोलिता क्या होता है ? ये टेप टेंपर की हुई हैं। मेरी धर्मपत्नी का नाम तो ललिता है।
11. मेरा तो भाईसाब पासपोर्ट तक नहीं बना है
12. यह कांग्रेसियों की चाल है
13. अमरीका से हमारी तरक्की देखी नहीं जा रही है। वह हमसे जलता है
14. मैं कभी कभार एस्पिरिन तो लेता हूँ पर ये एप्सटीन क्या है ? कोई नयी दवा आई है मार्किट में?
15. नो कमेंट्स
16. चुनाव आ रहे हैं अतः यह मेरे प्रतिद्वंदियों की शरारत है मगर देख लेना वे मुंह की खाएँगे
17. साँच को आंच नहीं
18. भगवान राम पर भी दोषारोपण हुआ था मगर उनका बाल बांका भी नहीं हुआ। यह सब आसुरी शक्तियों का मायाजाल है किन्तु हर बार की तरह मैं इस चक्रव्यूह से बेदाग वापिस आऊँगा
19. मेरी न्यायपालिका में पूरी आस्था है
20. हाई कमांड कहेगा तो मैं तुरंत त्यागपत्र दे दूंगा। मुझे कुर्सी का कोई लोभ नहीं। मुझे पार्टी की, देश की इज्ज़त ज्यादा प्यारी है
21. मैं अपनी पार्टी का एक अनुशासित सिपाही हूँ
22. यौनाकर्षण एक स्वाभाविक नैसर्गिक क्रिया है इसको इस तरह से प्रदर्शन की भारत जैसे संस्कारी देश में इजाजत नहीं मिलनी चाहिए
23. हमने सुप्रीम कोर्ट में केस डाला है। क्यों कि केस 'सब-जूडिस' है अतः कोई बयान देना संभव नहीं होगा।
24. यह कोई बॉडी डबल है मैं नहीं
25. मुझे तो इंगलिश आती ही नहीं मैं कैसे हो सकता हूँ
26. मैं उन दिनों में अपने निर्वाचन क्षेत्र में बिज़ी था, मैं एक साथ दो जगह कैसे उपस्थित रह सकता हूँ आप खुद अपने दिमाग से सोचो
27. क्या आप देशद्रोही हैं? क्या आप कोंग्रेसी हैं यदि नहीं तो ऐसे सवाल ही क्यों पूछ रहे हैं। कोई सनातनी भला ऐसी कल्पना भी कैसे कर सकता है
28. मैं अपनी मातृभूमि के लिए कुछ भी करूंगा यह तब की बात है जब चीन का खतरा बढ़ रहा था तब मैं एक बार अमरीका गया था। विश्व को भारत का पर्सपक्टिव बताने मुझे पता था कि मेरी रिकॉर्डिंग हो रही है मगर देश को मैं सर्वोपरि रखता हूँ।
29. बच्चे मन के सच्चे। यह पूरे संसार में अतिथि के स्वागत का तरीका है कि बच्चे बुके देते हैं। स्वागत गान गाते हैं। इसके अलावा अगर कुछ भी है तो वह सब टेक्नाॅलाॅजी का कमाल है आपको तो पता ही है कि अमेरिका टेक्नाॅलाॅजी के मामले में कितना आगे है।
30. मुझे उतनी अच्छी अंग्रेजी नहीं आती। मुझे सिरदर्द था मैंने उनसे एस्पिरिन मांगी थी वो पता नहीं क्यूँ इस आदमी को ले आए जिसका नाम एस्पिरिन से मिलता - जुलता था। मैं समझा वह कोई डॉ. है और कोई थिरैपी शिरैपी कर रहा है।

No comments:

Post a Comment