अज़ब डिजाइन का मेरा स्वेटर
बुनती ज़िंदगी
हरेक सीधे के बाद दो फंदे उल्टे
देखती रहती है ! जो कहा नहीं वह
सुनती ज़िंदगी
मुझमें खामिया हज़ार मुझे कब इनकार
काश उधेड़ कर मुझे फिर से
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