क्या खबर कौन सी बात उनको नागवार
गुजरे
सो एक मुद्दत हुई हमें उनकी गली से
गुजरे
मेरी शामो सहर आबाद थी जिनके दम पे
एक अर्सा हुआ उनको मेरी ख्वाबीदा नज़र
से
गुजरे
ज़ाहिर हैं वो खफा हैं मुझी से
जिनकी चाहत में मेरे दिन रात
गुजरे
गुजरे तो गुजरे वल्लाह सबकी हंसी खुशी
गुजरे
दिन गिन गिन काटने पड़ें दिन
अब ऐसी भी न किसी चाहने वाले पे
गुजरे
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