सरकार ने आदेश निकाला है कि इस दीवाली खबरदार
किसी ने किसी को गिफ्ट दिया तो। भई ! हमारा देश ग़रीब है। ग़रीबों को क्या ये शोभा
देता है कि वो महंगे-महंगे गिफ्ट्स दें। यह उपहार लेने-देने का रिवाज ही ग़लत है।
यह बिलकुल वैसा ही जैसे आप दहेज लेते-देते हैं। हमारे देश में दीवाली, रिश्वत लेने-देने का ऑफिसियल त्यौहार है। आप निडर, निशंक
होकर रिश्वत का आदान-प्रदान कर सकते हैं। दीवाली पर, आपके
लिए थोड़े कुछ होता है। सब उपहार बच्चों के लिए, भाभी जी के
लिए होते हैं। कुछ लोग, ऐसा मीठा उलाहना देते सुने जाते हैं:
सर ! आप हमारे और भाभी जी के बीच में नहीं आएंगे। ये देवर-भाभी का मामला है। इससे
आपकी आत्मा पर जरा भी बोझ नहीं पड़ता। बशर्ते आत्मा अभी ज़िंदा हो।
मुझे वो जोक याद आ रहा है कि भिखारी होकर
गर्लफ्रेंड रखते हो? वह बोला जी गर्ल फ्रेंड ने
ही भिखारी बनाया है। अतः हम पीछे, नेशनल और इन्टरनेशनल फील्ड
में गिफ्ट्स का खूब खुले दिल से लेना-देना करते आए हैं। ऐसा करते-करते हम इस स्टेज
पर आ गए हैं कि अब सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है कि बस बहुत हो गया। जल्द
भ्रष्टाचार निरोधक कानून (प्रिवेन्शन ऑफ करप्शन एक्ट ) की तरह उपहार निरोधक कानून
(प्रिवेन्शन ऑफ गिफ्ट एक्ट) लाया जाएगा। अब इस दीवाली पर, न
कोई गिफ्ट लेगा, न देगा। मैं समझता हूँ अफसर लोग इसका कोई न
कोई तोड़ निकाल लेंगे। और कुछ नहीं तो, जहां से ये आदेश निकले
हैं वो अफसर ही पतली गली बता देंगे। फिर भी मेरा काम है आपको सुझाव देना। अतः
प्रस्तुत है:
1. आप अपने परिवार में किसी का काल्पनिक बर्थ डे मना सकते हैं। परिवार में
आपके कुत्ते-बिल्ली-तोता भी आते हैं। बर्थ डे पर गिफ्ट्स लेना अथवा रिटर्न गिफ्ट
देने पर कोई पाबंदी नहीं है।
2. अभी दीवाली में बहुत समय है आप दीवाली आए इससे पहले ही बेधड़क गिफ्ट ले दे
सकते हैं
3. आप हवाई जहाज से 'ऑल एक्सपेन्सस पेड हॉलिडे' पर जा सकते हैं। दीवाली से इसका क्या लेना देना।
4. वसुधैव कुटुंबकम के अंतर्गत सब भाई बहन हैं। भाई बहन को उपहार देने की
दीर्घ परंपरा है। दीवाली तक इसकी ‘वेट’
नहीं की जाती।
5. आपकी कार पुरानी हो गयी है। नयी कार जो देने आए उससे बदल लीजिये। एक्सचेंज
ऑफर का ज़माना है।
6. आप महंगा कोट / महंगा पर्स अथवा ऐसी ही कोई वस्तु जो आप देना चाहते हैं
उसे आप अपने विजिट पर भूल भी तो सकते हैं। बात खत्म हुई। कौन कब छोड़ गया? न आपको याद है, न छोड़ने वाले को।
7. आपके बच्चे के महंगे स्कूल की महंगी फीस देना कोई गिफ्ट नहीं है।
8. इन दिनों अपने आउट हाउस का ख्याल रखिए। कहीं ऐसा न हो कोई वहां बड़ी धनराशि
छोड़ जाये और आप को पता ही नहीं चले।
9. हमारे ऑफिस में जब यह तय हुआ कि मीटिंग में प्रति गेस्ट केवल पाँच रुपये
स्वीकृत किए जाया करेंगे। मित्र लोगों ने उसके लोए भी जुगाड़ निकाल लिया। लोगों ने गेस्टों
की संख्या बढ़ा दी। जिससे सबको काजू, काजू कतली, चीज़ सेंडविच और लंच का इंतज़ाम हो जाता था। खाने वाले खुश, खिलाने वाले खुश। नियम का फुल-फुल पालन भी हो गया।
10. अक्सर शादी -ब्याह के निमंत्रण पत्रों पर लिखा होता है ‘कृपया उपहार न लाएँ’। इसके दो अर्थ होते हैं। पहला
है, आपको याद दिलाना कि भूलना नहीं। दूसरा, उपहार न लायें आप तो कैश दे दें। दूल्हा-दुल्हन अपने आप जिस वस्तु की
दरकार है ले लेंगे। बाई दि वे, शगुन को गिफ्ट नहीं माना जा
सकता। शगुन तो कभी भी लिया-दिया जा सकता। सालगिरह के पहले भी सालगिरह के बाद भी। एंगेजमेंट
की एनिवर्सरी, मैरिज एनिवर्सरी। दीवाली पर मना है तो क्या आस
पास ही न जाने कितने त्यौहार हैं। आखिर भारत को यूं ही तो नहीं त्यौहारों का देश
कहा जाता।
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