Ravi ki duniya
Ravi ki duniya
Friday, March 5, 2010
मेरा आज का शेर
शुक्रगुजार हूँ तुम्हारी इन आँखों का
आज फिर उन्होने
मेरे बहकने का इल्ज़ाम
अपने सर ले लिया
1 comment:
Anonymous
June 5, 2015 at 8:04 AM
बहोत खूब...!
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बहोत खूब...!
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