Ravi ki duniya

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Monday, February 22, 2010

खुला पत्र हेलिकोप्टरी मंत्री के नाम

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(तत्कालीन मंत्री जी के मोटर काफ़िले के लिए हुए रोड ब्लॉक से विद्यार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए, सुन कर मंत्रीजी इतने द्रवित हुए कि उन्होनें तुरंत घोषणा कर दी कि अब वे सदैव हेलिकॉप्टर से चला करेंगे, ताकि बेचारी जनता को दुख पहुँचे )

आदरणीय मंत्री जी को राम आसरे की राम राम !
इहाँ-उहाँ खबर गरम है कि  अब मंत्री जी केवल हेलिकॉप्टर से उड़ान भरा करेंगे. उन्होने यह कदम तफरीह के लिए नहीं उठाया है बल्कि इसलिये उठाया है ताकि उनकी सुरक्षा को लेकर होने वाले खास इंतज़ामों से आम जनता को तकलीफ हो. धन्य है ! इतनी दया,  कितनी करुणा, इस कलियुग में. आप सचमुच ही  एक महान अवतार हैं. नहीं तो मेरे भारत महान में भारत के सपूत तो नित ही कारों से लोगों को कुचलते रौंदते फिरते हैं. यहाँ आपके हेलिकॉप्टर को लेकर लोग तरह तरह की 'लूज-टाक' कर रहे हैं. आप इनकी ओर तनिक भी ध्यान मत देना.इनसे किसी का सुख देखा नहीं जाता. भारत में खासकर राजधानी में थोड़ा कुछ बनते ही लोग ज़मीन छोड़ देते हैं और ज़मीन से दो फीट ऊपर उड़ने लगते हैं. फिर आप तो आला मंत्री ठहरे. हेलिकॉप्टर आपकी शान के अनुकूल ही तो है. हाथी,घोड़ा,ऊँट की सवारी प्रेक्टिकल नहीं. बाकी सवारी हास्यास्पद हैं. रथ,पालकी को बुलेट प्रूफ बनाने में खर्चा बहुत आता है. देश के खर्चे का ख्याल भी तो आपने ही रखना है. ये तो नहीं कि देश के खजाने को यूँ ही लुटाते फिरें. सबसे बड़ी बात ये रथ,पालकी, इक्का तांगा 'स्लो' बहुत हैं. यूँ तो पूरा देश ही 'स्लो' है. तभी तो आपको और फास्ट होना है ताकि आपकी देखा-देखी ये देश भी फास्ट हो सके और भविष्य में सभी उड़ सकें. बहुत से लोगों ने तो फास्ट होने के चक्कर में अभी से 'फास्ट फ़ूड' खाना शुरू कर दिया है. सबसे बड़ी बात है आप कौन चड्डु खाने को हेलिकॉप्टर में सवार होते हैं. आपको कोई कमी है क्या ? आप चाहें तो हवाई जहाज में घर बना लें या फिर घर को हवाई जहाज. कोई आपका क्या बिगाड़ लेगा. आखिर ये सब आप अपने लिए थोड़े ही कर रहें हैं. देश के लिए कर रहे हैं. भारत के संसाधन भारत के लाल के लिए नहीं हैं तो क्या विदेशियों के लिए हैं.हद है ग़ुलाम मानसिकता की. अरे भाई सुना नहीं है. 'रामजी की चींटी..राम जी का गुड.' वैसे भी भारत को आज तक किसी ने देखा तो है नहीं. कुछ कहते हैं वह गाँवों में बसता है. कुछ कहते हैं वह चंद सेठों की तिजोरी में बंद है . कुछ कहते हैं वह समाचारपत्रों के पेज तीन पर नियमित दिखाई पड़ता है. बहरहाल किसी ने आज तक पक्के तौर पर तसदीक़ नहीं की है. भारत हुआ बिन लादेन हो गया कि अल जज़ीरा पर तो दिखता है बाकी सब हवा.... हवा है. 
हाँ तो दयानिधान ! ये पब्लिक बड़ी नाशुक्री है. ब्लडी थैंक्लेस. देखिये आपने हेलिकोप्टर अपना कर इन्हें ट्रेफिक जाम से निजात दिलायी है. इससे आपने इनके कीमती, बेशकीमती या बेकीमती वक्त को बचाया है. आपने हर चौराहे,हर रोड पर खड़ी जनता और सुरक्षा कर्मियों के कितने मैनआवर्स बचाये हैं. ये हिंदुस्तानी आपके इस कर्ज़ को सारी उम्र नहीं उतार पायेंगे.विदेशी ऋण की बारी तो बाद में आयेगी.

हे गरीबपरवर ! आपके काफिले कि 17 कारें कम हुईं.इससे आपने देश का कीमती पेट्रोल बचाया है. बूंद-बूंद कीमती है.

हे कृपानिधान ! आपने आजकल की फैशन के अनुसार प्रदूषण के प्रति भी अपनी रुचि दिखाई है और इस दिशा में एक गंभीर पहल कि है.कहाँ 17 कारों का प्रदूषण कहाँ मात्र एक नन्हा क्यूट हेलिकॉप्टर. यह देश सदैव आपका कृतज्ञ रहेगा.

हे प्रातःस्मरणीय ! हेलिकॉप्टर के फेरे में और भी अनेक फायदे हैं.सदैव आकाश की निगरानी-चौकसी होती रहेगी. कोई अवांछित तत्व या आपकी भाषा में 'विदेशी हाथ' या यू.एफ.. भारत के वायुमंडल में फटक नहीं पायेंगे. जो दिखा वहीं के वहीं फ़्लैश गार्डन की तरह फटाक से उड़ा दिया. हे त्रिपुरारी ! आप तो वैसे भी फेंटम,मेंड्रेक और फ़्लैश गार्डन थ्री इन वन हैं और लेटेस्ट 'मास्क' भी लगाये हैं. देखो आप कहाँ कहाँ भारत माता की रक्षा के लिए ज़मीन आसमान एक कर रहे हैं और आकाश में हिचकोले खाते फिर रहे हैं.( धक्के खाते फिर रहे कहना आजकल असंसदीय भाषा भले हो मगर शालीन नहीं) हेलिकॉप्टर यात्रा के और भी फायदे हैं. सड़क के गड्डे-गंदगी देखने को नहीं मिलती. मुनिसिपल कमेटी वालों को सड़कों की बार बार मरम्मत और पुताई-धुलाई नहीं करनी पड़ेगी.इस से देश का कितना राजस्व बचेगा.आप अकेली जान देश के लिए और क्या क्या करें. कहते हैं जान है तो जहान है. आप प्रदूषण से अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रखेंगे तो जैसी की अंग्रेजी में कहावत है स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ्य दिमाग वास करता है. तो आपका मनोमस्तिष्क देश के हित में और देशवासियों की सेवा में और तत्पर होकर लगेगा. आखिर स्वस्थ्य दिमाग में ही तो नित नयी स्वस्थ्य योजनायें जनम लेंगी जो आपको और आपकी आनेवाली पीढ़ीयो को धन-सम्पन्न बनाएंगी ताकि कालांतर में उनके पास कम से कम दो-दो हेलिकॉप्टर तो हो सकें.आप सचमुच कितने दूरदर्शी हैं. ये हम गरीबी की रेखा के नीचे जीने वाले क्या जानें. सच तो यह है हम गरीबी रेखा समझते ही नहीं. हम तो बस एक ही रेखा को जानते हैं, वो मुंबई में रहती है और अमीर है.

हे कमलनयनी ! मुझे एक चिंता खाये जा रही है कि  सड़क मार्ग से आते जाते डॉक्टर,कम्पाउण्डर,सर्जन,नर्स,आदि एम्बुलेंस में आपके पीछे पीछे चलते हैं, साथ में ऑक्सिजन,प्रजा से खींचा गया आपके ग्रुप का रक्त और तमाम गोली.केपसूल ,इंजेकशन लिए मारे मारे फिरते हैं. हेलिकॉप्टर में ये सब ताम-झाम कैसे होगा.मेरी माँग है कि 'एक ठौ' चौपर में पीछे पीछे डॉक्टर,नर्स,कम्पाउण्डर, वार्ड बॉय आदि को भी रखा जाये.आखिर नेताजी के स्वास्थ्य का सवाल है.नेता स्वस्थ्य तो देश स्वस्थ्य. पहला सुख निरोगी काया, इसमें खर्चा-पानी क्या देखना.

हे समदरसी ! हेलिकॉप्टर में आने जाने का एक लाभ ये और भी है कि चौराहों की लाल बत्ती पर आपको अगरबत्ती ,गजरे, बेचने वालों और भिखारियों से दो-चार नहीं होना पड़ेगा. मैं जानता हूँ कि भारत में भिखारी नित नए स्वांग भर भर के भीख माँगते हैं और कुछ तो मरने मारने तक पर उतारू हो जाते हैं.मैं नहीं चाहता कि आप जैसे करुणा के सागर का चित्त इन्हें देख कर विचलित हो. टी.वी.अख़बार में भले हम 'विदेशी हाथ' कह दें लेकिन कृपालु आप तो जानते हैं यह विदेशी हाथ नहीं खालिस देसी हाथ है जो कभी सोने कि ज़ंजीर झटक लेता है,कभी पर्स,कभी ब्रीफकेस. मैं नहीं चाहता कि प्रजा के साथ फौजदारी होती फिरे और आपका अमूल्य समय और ऊर्जा इसमें नष्ट हो. आपको राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं से जूझना है न कि भिखारी और टपोरियों से.

हे तारनहार ! फौजदारी से याद आया पिछले दिनों आपके कारों के काफ़िले में कहीं से एक फ़ौजी स्कूटर पर रोड ब्लॉक में घुस आया था. सुरक्षाकर्मियों ने उसकी वो गत बनाई कि बच्चू सब फौजीपना भूल गया. इतनी मार तो उसने ज़ंग में भी न खायी थी.हेलिकॉप्टर से यात्रा का फ़ैसला कर हे करुणानिधान ! देखिये आपने आम भारतीय को कितनी मारपीट से बचाया है.क्या ये सात जन्मों में भी अपना उपकार उतार पायेंगे, कदापि नहीं. इन्हें तो धन्य होना चाहिये कि आपको इनकी सुरक्षा की कितनी फ़िकर है. आपकी सुरक्षा में ही इनकी सुरक्षा निहित है इतनी सी बात इनके भेजे में नहीं घुसती है, जाहिल कहीं के.

हे अंतर्यामी ! अब भारत इतना विशाल देश है कि कहीं न कहीं कुछ न कुछ होता ही रहता है. हेलिकॉप्टर के फ़ायदों में एक फाइदा ये भी है कि कहीं बाढ़ आई हो.सूखा पड़ा हो, आग लगी हो या रेल दुर्घटना हुई हो, आकाश के आकाश में ही यू टर्न लिया और लगे हाथों मौका मुआइना भी निपटा दिया.

हे गगनविहारी ! हेलिकॉप्टर आपकी प्रगति का तो है ही देश की  प्रगति का भी सूचक है. आपके राज-काल में देश ने कितनी तरक्की कर ली है.अब बैलगाड़ी,पदयात्रा के दिन लद गए.गरीबी का गौरव गान कब तक ? क्या दिया गरीबी ने ? अब वक्त आ गया है कि विश्व को बता दिया जाये कि समृद्धि अमेरिका के बपौती नहीं है. भारत भी समृद्ध है और 'ऊँची' सोच रखता है.अगर व्हाइट हाउस में हेलिकॉप्टर उतर सकता है तो हमारे पिछवाड़े क्यों नहीं.हम किसी से कम हैं क्या. हमारे ऋषि चार्वाक बहुत पहले कह गए थे कि उधार ले कर भी घी पीना है. थिंक बिग,थिंक ग्लोबल. यह तो वैसे भी ग्लोबलाइजेशन का ज़माना है.

हे अरिमर्दन ! मैं तो कभी हेलिकॉप्टर में बैठा नहीं हूँ मगर सुना है कि ससुरा विरोधी दल की तरह शोर बहुत करता है. उसका भी कुछ ले दे कर इंतज़ाम किया जाए. शायद उसे ये खबर नहीं की हमने बड़े बड़े और भारी से भारी तहलके भी हलके कर दिये. वो है किस फेर में. हेलिकॉप्टर मंत्री जी के लिए है न कि मंत्री जी हेलिकॉप्टर के लिए.

हेल मिनिस्टर, हेल हेलिकॉप्टर.

पी.एस.(पुनश्च): लोटा- पेटी उठाने को सेवक को ज़रूर साथ रखिएगा. आप तो जानते ही हैं हमें पेटी उठाने का कितना तजुरबा है.सन सेंतालीस से आपकी मत-पेटी उठाये रहे हैं.

आपके आसरे
आपका
राम आसरे

व्यंग्य संग्रह 'मेरे 51 व्यंग्य' 2008 से

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