लोग भी अजीब हैं। जहां उनको खुश होना चाहिए और इंद्र
देव का शुक्रिया अदा करना चाहिए वहाँ वे शिकायत भरे लहजे में कह रहे हैं की उनके
इलाके में जल भराव हो गया है और उनके रिश्तेदार उनके घर आने से कतरा रहे हैं। भाई
साब ! आप खुशनसीब हैं जो ऐसे इलाके में रह रहे हैं जहां जल भराव हो रखा है। बाकी
इलाकों में देखो कैसे रिश्तेदार टूटे पड़ते हैं। वो किसी न किसी बहाने से
लिस्ट बना कर अपने-अपने रिश्तेदारों के यहाँ जाने की प्लानिंग करते रहते हैं।
प्लानिंग ही नहीं करते बल्कि आ भी धमकते हैं। कई-कई दिन रह कर जाते हैं, कारण कि कोई जल भराव नहीं। ये आपके देखने पर है कि आप
जल भराव एक समस्या है या फिर एक वेलकम ईवेंट। सच तो यह है कि जहां जल भराव नहीं है
वहाँ रहने वालों के दुख की कोई सीमा नहीं।
एक
जाता है तो आता है मकान में दूसरा
मेहमानों
से खाली उसका मकां रहता नहीं
वो तो
भला हो नई सरकार का कि नौकरियाँ लगभग-लगभग खतम ही कर दीं हैं। नहीं तो पहले इतनी
भरमार इन्हीं लोगों की रहती थी। कोई लिखित परीक्षा देने आ रहा है, कोई किसी पोस्ट का इंटरव्यू देने आ रहा है। सब मुंह
उठाए अपने दिल्ली,
मुंबई, कोलकाता के चाचा-ताऊ-फूफा जी को ढूंढते ढूंढते आ पहुँचते।
भला हो जल भराव का। यूं ही नहीं
कहावतें बनीं हैं ‘जल ही जीवन है’। निसंदेह जल भराव है तो हमारा जीवन भले इंडोर ही सही, बड़ा आरामदायक हो रखा है।
घर नहीं आते हैं वो कीचड़ के डर से
इलाही ये कीचड़ दो-चार माह तो जाये न घर
से
देखिये
ये कोई शिकायत करने जैसी बात नहीं है। ये तो खुश होने वाली बात है। इस बात का तो
उत्सव मनाना चाहिए। इसकी शिकायत करे तो वो रिश्तेदार करे जिनकी दुकान इस जल भराव
के कारण बंद हो गई। कहीं आने-जाने के लायक नहीं रहे। हमारे देश में अतिथि देवो भव:
की एक दीर्घ परंपरा रही है। इस परंपरा में जल भराव से ‘डेंट’ ज़रूर लगा है। मगर परम्पराएँ टूटती-जुड़ती
रहती हैं। क्या पता जल भराव एक नई परम्परा बन जाये। जब पता चले कोई आने वाला है आप
जल्दी से अपने घर के आसपास कीचड़ कर लें, बहुत आसान है,
नल खुला छोड़ दें या फिर पाइप लेकर पानी
इधर-उधर बेतरतीब फैला दें। आप चाहें तो डिस्कवरी चेनल के कुछ फोटो अपने पास स्टॉक में
रख लें जब किसी के आने की आहट हो फौरन एक फोटो निकाल चस्पा कर दें। और बता दें कि अभी
बहुत संगीन हालत है और जब हालात सुधरेंगे आप इत्तिला कर देंगे। बस चेप्टर क्लोज़। अगर
आपके इलाके में पानी की किल्लत हो तो वांदा नहीं, पैसे देकर पानी का टेंकर मंगा लें, सौदा फिर भी सस्ता पड़ेगा, यकीन जानें ! मेरा आज़माया
हुआ फार्मूला है।
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