Ravi ki duniya

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Saturday, September 14, 2024

व्यंग्य: बाइक-चोर कहने पर सिर में मारी ईंट

 



          अब आप किसी बाइक चोर को बाइक चोर नहीं कहें। इसमें आपकी जान को खतरा हो सकता है। देखिये भारत संस्कारी लोगों का देश है हमारे यहाँ अंधे को अंधा नहीं कहा जाता उसे सूरदास कहा जाता है। अतः; आप भूल कर भी बाइक चोर को बाइक चोर नहीं कहें इसी में आपकी सेफ़्टी है। ऐसा न हो की बाइक तो गई गई आप अपने सिर पर ईंट और मरवा लें। सच है शालीनता का दामन नहीं छोड़ना है। मेरी परेशानी दूसरी है, हम बाइक चोर को फिर क्या कहें ? अंधे का तो आपने कह दिया सूरदास। इसी तर्ज़ पर अब बताएं बाइक चोर को क्या कहा जाये ? 

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                            एक सुझाव तो यह है कि जैसे आजकल सेकेंड-हेंड कार को अब प्री-ओंड कार कहा जाता है अतः ऐसे ही बाइक चोर भाईसाब के लिए भी समुचित आदरसूचक सम्बोधन होना चाहिए। ‘प्रेसिंग बाइक नीड’ मैन कहा जा सकता है। अँग्रेजी में बोलने से वैसे ही एक रिस्पेक्टेबिलिटी आ जाती है। कम से कम बाइक चोर से तो बेहतर है और आपका सिर भी ईंट से सुरक्षित रहेगा। इसी तरह के अन्य सम्बोधन दिये जा सकते हैं। आजकल वैसे भी नए नाम देने का रिवाज चल रहा है। इससे उनमें एक आत्मसम्मान की भावना आएगी। वे अपने काम को गंभीरता से लेंगे और कोई सस्ती चालबाजियाँ नहीं करेंगे।

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कुछ सुझाव हैं: 

1. जेबकतरे = पॉकेट फ़्रेंड्स 
2. चोर = प्रेसिंग नीडर (नीड से ) 
3. डाकू = ग्रुप नीड लीडर्स
4. कार चोर = वीकल फेसिलिटेटर 
5. उठाईगीरे = शॉप एलीवेटर्स
6. बाइक चोर = बाइक फेसिलिटेटर 
7. मोबाइल चोर = सेलुलर आर्टिस्ट 
8. साइबर क्राइम = कम्प्युटर आर्टिस्ट 
9. नकल कराने वाले = एस.डब्लू.एस. (सिंगल विंडो सॉल्वर्स)
10. बेंक वाले फ्रॉड = बेंक आर्टिस्ट

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              मैं समझता हूँ ये सम्बोधन सम्मानजनक हैं। आखिर ये भी हमारे समाज के अभिन्न अंग हैं। एक कहावत है कि समाज अपराधी बनाता है और फिर अपराधी अपराध करता है। अतः ज़रूरी है कि उनमें सम्मान के साथ साथ संभावनाओं की एक लहर, एक उमंग का संचार हो। आखिर तो ये हमारे ही राष्ट्र के 'असेट' हैं। हमारी समावेशी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचना ज़रूरी है। हम उन्हें 'नेगलेक्ट' नहीं कर सकते। दंड, जुर्माना, जेल, मुक़दमेबाज़ी किसी समस्या का हल नहीं है। ज़रूरत है उनके हृदय परिवर्तन की। ताकि उनको समाज का एक उपयोगी सदस्य के रूप में 'ग्रूम' किया जा सके। आजकल उनके लिए एक नया शब्द चला है डेमोग्राफिक डिविडेंट बस तो वो ही हैं ये लोग। हमें इस मामले में दूरदृष्टि रखनी चाहिए। उनके अहम को चोट नहीं पहुंचानी है वे सेंसिटिव होते हैं और उन से ज्यादा आपका सिर सेंसिटिव होता है वो ईंट की मार नहीं सह पाएगा। हमारे लिए तो वो बाइक चोर ही नहीं आपका सिर भी राष्ट्र का असेट है ।

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