मेरे साथ रह गया
या मुझे तन्हा कर गया.
फैसला तेरे हाथ है
अब तू ही बता ये क्या कर गया .
लोग ता-उम्र भटका किये
उसके निशाँ-ए-प़ा के वास्ते
मेरे साथ दो कदम चला
और मुझे मंजिल के पार कर गया.
दिल के सौदे में तू मेरे नफे की न पूछ
एक रात ठहरा था चाँद मेरी ज़मीं पे
और मुझे उम्र भर के लिए
मालामाल कर गया.
बहुत सुनते थे उसकी दरियादिली
उस पे ज़ाहिर भी थी मेरी तिशना-लबी
फिर साक़ी मेरे प्याले को
क्यूँ इतना कम भर गया.
मेरे साथ रह गया..
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