Ravi ki duniya

Ravi ki duniya

Wednesday, January 6, 2010

ख्वाबो -ख्याल

मुझे क्या खबर सितमगर
कौन सी जुबान बोले है
जब भी करीब होय है 
न मैं बोलूं हूँ ,न वो लब खोले है 
.........................
तुम्हारी कही निभा रहा हूँ
देखो कितना खुश नज़र आ रहा हूँ.
माथे की शिक़न से लोग पहचान लेते हैं
रोज़ एक नया नकाब लगा रहा हूँ .
लाख चाह कर भी मैं तुम्हारे जैसा न बन सका
आज भी इबादत की तरह दिल लगा रहा हूँ .
वक़्त के पाबन्द वो कल थे न आज
वो आयेंगे ज़रूर येही सोच मैं उम्र बिता रहा हूँ.
आना उनका मेरे ज़नाजे  पे सौ नाज के साथ
नसीब देखिये वो आये हैं और मैं जा रहा हूँ .


     

No comments:

Post a Comment